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मुंबई में कम होगा स्टांप शुल्क, तैयार होगी आइकॉनिक इमारतें

Last Updated- December 11, 2022 | 1:46 PM IST

मुंबई में घर खरीदारों को महाराष्ट्र सरकार जल्द ही एक बेहतरीन तोहफा दे सकती है। राज्य सरकार एक बार फिर स्टांप शुल्क में कमी करने पर विचार कर रही है। मुंबई को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार एक तरफ विनिर्माण (इंफ्रा) ढांचे को सही करने में लगी है तो दूसरी तरफ भवन निर्माताओं से आइकॉनिक इमारतें तैयार करने को कह रही है, इसके लिए सरकार बिल्डरों को हर सुविधाएं देने की बात कर रही है।
 
मुंबई महानगरीय क्षेत्र में रियल एस्टेट की नोडल एजेंसी क्रेडाई-एमसीएचआई द्वारा आज से शुरू की गई प्रॉपर्टी प्रदर्शनी में बिल्डरों ने इंडस्ट्री की सरकार के सामने मांगे रखी तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद कहा कि कई उद्योग और क्षेत्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट से जुड़े हुए हैं, इसीलिए हम रियल एस्टेट क्षेत्र की मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं । इस क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन इसका फायदा घर खरीदारों को मिलना चाहिए। लोगों को अच्छे व सस्ते घर उपलब्ध हो इसके लिए इसके लिए सरकार सकारात्मक कदम उठाएंगी।
 
स्टांप शुल्क में कमी और प्रीमियम को युक्तिसंगत बनाने के बारे में मंत्रिमंडल में चर्चा की जाएगी और जो भी उचित होगा सरकार वह करेगी। शिंदे ने डेवलपरों से कहा कि पिछले कुछ सालों से मुंबई महानगरीय इलाके में एक जैसी ही इमारतें बन रही है, लेकिन आइकॉनिक इमारतें देखने को नहीं मिल रही है। दक्षिण मुंबई में अंग्रेजों के समय की कई दार्शनिक इमारतें हैं, हम ऐसी इमारतें बनाने का प्रयास करें, शहर को नई पहचान देने वाली इमारतों का निर्माण किया जाए, इसके लिए सरकार की तरफ से जो भी मदद चाहिए वह हम देने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही बेहतर है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण क्षेत्र को कृषि क्षेत्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यह बहुत बड़ा क्षेत्र है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है इसलिए हम निश्चित रूप से इस क्षेत्र को मजबूत करने का प्रयास करेंगे। मुंबई में प्रति वर्ष 50 किमी सड़कें बन रही थीं। लेकिन नई सरकार के आने के बाद अब हर साल 500 किमी. सडक़ों का निर्माण किया जाएगा, इसके लिए 550 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया है। सरकार के माध्यम से मुंबई और महानगर में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा निर्माण करने के लिए परियोजनाएं चल रही हैं। इसलिए इस क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए उस क्षेत्र में आवास परियोजनाएं भी तेजी से आ रही हैं। खाली जमीन पर नए निर्माण की जगह पुराने जर्जर भवनों के पुनर्विकास के लिए बिल्डर आगे आएं। चूंकि मुंबई की तर्ज पर क्लस्टर विकास और स्लम पुनर्विकास (एसआरए) नियम ठाणे के साथ-साथ राज्य के अन्य शहरों के लिए लागू किए गए हैं, पुराने शहर क्षेत्र का पुनर्विकास अब बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से किया जा सकता है। संशोधित नियम पुनर्विकास के लिए अधिक एफएसआई उपलब्ध कराएंगे। कई जटिल नियमों में ढील दी गई है।
क्रेडाई-एमसीएचआई के कार्यक्रम में डेवलपर्स ने घरों की बिक्री में बढ़ोत्तरी के लिए स्टॉप शुल्क तीन फीसदी करने की मांग है। जिससे घरों के दाम कम हो सके।  इस समय मुंबई में स्टांप शुल्क 6 फीसदी है। क्रेडाई एमसीएचआई के अध्यक्ष बोमन इरानी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते यह बहुचर्चित प्रदर्शनी दो वर्षों से नहीं आयोजित हो सकी थी। कोरोना के बाद एक बार फिर से रियल इस्टेट सेक्टर में तेजी आ रही है। हम अपनी तरफ से ग्राहकों को कई तरह के छूट दे रहे हैं। सरकार स्टॉप शुल्क में कटौती और प्रीमियम दर में कमी करती है तो शहर में कई बदलाव देखने को मिलना शुरु हो जाएंगे। 
 
पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध आर्किटेक्ट हाफिज कांट्रेक्टर ने कहा कि मुंबई में बिल्डरों को अधिक एफएसआई एक किफायती मूल्य सीमा के भीतर देने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि अधिकांश आईटी कंपनियां हैदराबाद और दिल्ली जैसे शहरों में स्थानांतरित हो रही है, जबकि मुंबई में सबसे अच्छी संचार और लॉजिस्टिक सुविधाएं है। मुंबई से आईटी कंपनियों के पलायन का असर मध्यम आय वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है यही वजह है कि कम आय और मध्यम आय वर्ग के लोग भी मुंबई छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं क्योंकि उनको यहां रोजगार नहीं मिल पा रहा है। मुंबई में घरों के दाम अधिक होने के कारण भी मध्यम वर्ग के लोग दूसरे शहरों में घर खरीद रहे हैं जिसका राज्य के राजस्व और उद्योग पर पड़ रहा है।

First Published - October 13, 2022 | 9:07 PM IST

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