आर्थिक र्मोचे पर झटके खा रही देश की सबसे पुरानी शराब कंपनी मोहन मीकिन्स ने अपने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने का फैसला किया है।
कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस लेने की अंतिम समय सीमा 31 मार्च तय की है। कंपनी ने यह योजना अपनी लखनऊ इकाई के लिए ही लागू की है, जहां इस समय 285 कर्मचारी कार्यरत हैं।
हालांकि कंपनी के निदेशक (वित्त) पी डी गोस्वामी का कहना है कि कंपनी कोई भी इकाई बंद करने नही जा रही है। उन्होंने फोन पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि लखनऊ इकाई में वीआरएस की पेशकश कर्मचारियों को की गयी है पर उन्होंने साफ किया कंपनी लखनऊ इकाई को बंद नही करने जा रही है।
गौरतलब है कि 190 साल पुरानी मोहन मीकिन्स की लखनऊ इकाई में इस समय कोहिनूर ब्रांड तले देशी शराब और ओल्ड मॉन्क रम बनाई जा रही है। बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश के शराब एजेंटो ने कोहिनूर ब्रांड की जगह दौराला को बढ़ावा देना शुरू कर दिया जिसके बाद कंपनी के उत्पादन पर असर पड़ा है।
मोहन मीकिन्स के श्रम कल्याण अधिकारी आशीष वशिष्ठ ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि कर्मचारियों को 31 मार्च तक समय दिया गया है। पेशकश पर कर्मचारी सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।