दिल्ली सरकार ऐसे उद्योगों पर अगले महीने से सख्ती कर सकती है, जो बिना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की मंजूरी के चल रहे हैं। दिल्ली में उद्योग लगाने और इन्हें चलाने के लिए डीपीसीसी से जल व वायु प्रदूषण अधिनियम के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है। डीपीसीसी ने बिना अनुमति चल रहे उद्यमियों को जल्द ही अनुमति लेने के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए हैं। जरूरी अनुमति न लेने वाले उद्यमियों के खिलाफ वायु व जल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
डीपीसीसी के एक अधिकारी ने बताया कि वायु (प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत यह अनिवार्य है कि कोई भी व्यक्ति डीपीसीसी की पूर्व सहमति के बिना वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र में कोई भी औद्योगिक संयंत्र स्थापित या संचालित नहीं करेगा। लिहाजा उद्योग स्थापित करने और इन्हें संचालित करने के लिए डीपीसीसी से सहमति लेना आवश्यक है। जल (प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत भी डीपीसीसी से अनुमति लेना अनिवार्य है।
उद्यमियों को जल्द से जल्द वायु व जल (प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम के तहत डीपीसीसी से आवश्यक सहमति लेने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। उद्यमी डीपीसीसी के ऑनलाइन पोर्टल ऑनलाइन सहमति प्रबंधन व निगरानी प्रणाली पर सहमति के लिए आवेदन कर सकते हैं। सहमति के लिए आवेदन करने के लिए 10 मार्च तक का समय दिया जा रहा है। इस दिए गए समय तक आवेदन न करने वाले उद्यमियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।