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चीनी मिलें होंगी आईएसओ प्रमाणित

Last Updated- December 06, 2022 | 11:43 PM IST

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें अब जल्द ही उच्च गुणवत्ता वाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चीनी मिलों के समकक्ष नजर आएंगी।


उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चीनी मिल मालिकों से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द आईएसओ प्रमाणपत्र हासिल कर लें। साल 2008-09 के पेराई मौसम के लिए गन्ने की बोली नीति की घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने चीनी मिल मालिकों से इस बाबत आग्रह किया।


इस नई पहल से सरकार की स्वामित्व वाली 39 चीनी मिलों के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है, क्योंकि उन मिलों में काफी पुरानी मशीनें लगी हैं और जिसकी पेराई क्षमता भी काफी कम है। हालांकि चीनी निगम और गन्ना महासंघ द्वारा संचालित इन चीनी मिलों को राज्य सरकार पहले ही बेचने का मन बना चुकी है।


बहरहाल, राज्य में चीनी मिलों को कब तक आईएसओ प्रमाणपत्र हासिल कर लेना चाहिए, इस बाबत कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। गन्ना विभाग के अधिकारी ने बताया कि पेराई मौसम शुरू होने से पहले राज्य में स्थित सभी चीनी मिलों को मानदंडों पर खरा उतरना अनिवार्य होगा। गन्ना के लिए बोली नीति की घोषणा के दौरान उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने यह साफ कहा था कि आईएसओ प्रमाणपत्र मशीनरी, पेराई या फिर यन्त्रीकरण प्रक्रियाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।


निजी चीनी मिल के एक अधिकारी ने बिजनैस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बात की पूरी संभावना है कि राज्य में स्थित निजी चीनी मिल मालिक मिलों के लिए प्रमाणपत्र का स्वागत करेंगे।

First Published - May 15, 2008 | 10:13 PM IST

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