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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास की बदलेगी सूरत

Last Updated- December 15, 2022 | 3:23 AM IST

लुटियंस दिल्ली की सूरत बदलने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इसी सिलसिले में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) के साथ-साथ कनॉट प्लेस और करनैल सिंह स्टेडियम के कुछ हिस्सों का वाणिज्यिक पुनर्विकास करने की योजना है। भारतीय रेल इसका जिम्मा निजी क्षेत्र को सौंपने की तैयारी में है।
भारतीय रेलवे 7,500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस पुनर्विकास परियोजना के लिए इसी महीने कोटेशन मंगाने वाला है। इस परियोजना के तहत लुटियंस दिल्ली के भीतर 2.30 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को वाणिज्यिक इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा। इसके तहत कनॉट प्लेस में ट्रैफिक कम करने के लिए एक फ्लाईओवर बनाने के अलावा स्टेडियम का नए सिरे से विकास और स्टेशन से सटी तीन रेलवे कॉलोनियों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
बेल्जियम स्थित इंजीनियरिंग एवं सलाहकार सेवा फर्म ट्रैक्टेबल इस परियोजना की एक विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में लगी हुई है।
रेलवे की अनुषंगी इकाई रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) का अनुमान है कि इस परियोजना के पहले चरण में करीब 110 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जाएगा। आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश दुदेजा कहते हैं, ‘यह देश की राजधानी के हृदय-स्थल में एक गौरवशाली निवेश होने जा रहा है। हमें इसकी होड़ में बड़ी निजी फर्मों के शामिल होने की उम्मीद है। परियोजना की अनिवार्य लागत करीब 5,000 करोड़ रुपये होगी। इसमें रेलवे स्टेशन इमारत, प्लेटफॉर्म और कनॉट प्लेस को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने वाली सड़क के विकास की लागत शामिल है। इसके अलावा डेवलपर को 2,500 करोड़ रुपये वाणिज्यिक उद्देश्य पर भी निवेश करने होंगे।’
आरएलडीए की योजना है कि इस साल दिसंबर तक चयनित बोलीकर्ताओं से बोलियां आमंत्रित कर ली जाएं ताकि चार साल के भीतर इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लक्ष्य की दिशा में पहला कदम बढ़ाया जा सके।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत स्टेशन का नए सिरे से विकास करने के अलावा एक एलिवेटेड कॉन्कोर्स, 16 प्लेटफॉर्मों का नवीनीकरण, स्टेशन परिसर में मौजूद इमारतों को नया कलेवर देने, आसपास के ढांचे को दुरुस्त करने, एलिवेटेड सड़क नेटवर्क एवं एक मल्टी-लेवल कार पार्किंग बनाने का काम किया जाएगा। उत्तरी रेलवे को रेलवे कॉलोनी में 40,000 वर्ग मीटर क्षेत्र, रेलवे कार्यालयों में 42,000 वर्ग मीटर क्षेत्र और सामाजिक ढांचे में 7,800 वर्ग मीटर क्षेत्र के विकास का जिम्मा दिया जाना है।
यह परियोजना फिलहाल सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति के अलावा वित्त मंत्रालय के समक्ष मंजूरी के लिए विचाराधीन है।
इस परियोजना को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए इसके साथ वाणिज्यिक उपयोग का पहलू भी शामिल किया जा रहा है। इसके तहत करीब 30 एकड़ क्षेत्र को खुदरा दुकानों, कार्यालय क्षेत्र और आतिथ्य गतिविधियों के लिए विकसित किया जाना है।  खुदरा दुकानें 72,500 वर्ग मीटर इलाके में बनाई जाएंगी जबकि 35,000 वर्ग मीटर में होटल और 1.03 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में कार्यालय बनाए जाएंगे। वाणिज्यिक क्षेत्र का विकास डिजाइन-निर्माण-वित्त-परिचालन-हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मॉडल पर करने की तैयारी है जिसके लिए डेवलपर को 60 वर्षों की रियायत अवधि दी जाएगी।
वैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की यह कोई पहली परियोजना नहीं है। वर्ष 2006 में हॉन्गकॉन्ग स्थित आर्किटेक्चर फर्म टेरी फैरल ऐंड पाट्र्नर्स ने इसके पुनर्विकास का एक मास्टर प्लान तैयार किया था जिसमें हपाडगंज से लेकर कनॉट प्लेस तक के स्टेशन इलाके में 16 वाणिज्यक टॉवर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।

First Published - August 17, 2020 | 11:36 PM IST

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