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ताज एक्सप्रेसवे: जमीन अधिग्रहण रुका

Last Updated- December 05, 2022 | 11:44 PM IST

आगरा में ताज एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए ली जाने वाली जमीन का अधिग्रहण मुआवजे की कीमत तय न होने के कारण आजकल रुका हुआ है।


इस बाबत किसानों और प्रशासन के बीच हुई बैठक भी बेनतीजा रही है। किसान अपनी प्रति बीघा जमीन के लिए 4.5 से 5 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे है, जबकि पता चला है कि प्रशासन प्रति बीघा जमीन के लिए केवल 90 हजार रुपये देना चाहता है।


किसानों ने मुआवजे की मांग में इसके विरोध को देखते हुए शुक्रवार को खंडोली में होने वाली किसान महापंचायत में मुआवजे की दरों को तय करने का निश्चय किया है।इसके बाद वे अपनी मांगों का उल्लेख करने वाले ज्ञापन को प्रशासन को सौंप देंगे। जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार बुधवार को किसानों ने अतिरिक्त जिला न्यायाधिश राम दास से जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर मुलाकात की थी।


रामदास ने जमीन अधिग्रहण के ऊपर किसानों की शिकायते सुनी। राम दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि लगभग 70 फीसदी किसानों ने प्रशासन द्वारा दिये जाने वाली मुआवजे की रकम के बड़े हिस्से को मुआवजे के तौर पर ले लेने के बाद भी अपनी शिकायतें दर्ज कराई है। हर किसान अपनी-अपनी जमीन के लिए अलग-अलग कीमतों की मांग कर रहा है। इससे मुआवजे की मांग तय करने में अंसमजस की स्थिति पैदा हो गई है।


रामदास ने बताया कि इस मुलाकात में मुआवजे के लिए एक रकम तय नहीं होने के कारण किसानों के साथ उनकी यह मुलाकात बेनतीजा रही है। प्रशासन ने अब किसानों को मुआवजे की दरें खुद तय करने को कहा है।


मुआवजे की दर तय हो जाने के बाद किसान प्रशासन को इस बारे में सूचना दे देंगे। प्रशासन इस जमीन अधिग्रहण को मई के अंत तक खत्म करना चाहता है। इसलिए प्रशासन द्वारा इस मुद्द् पर इतनी जल्दी-जल्दी कदम उठाए जा रहे है। किसानों ने प्रशासन पर अपनी मनमानी की क्षतिपूर्ति दिये जाने के आरोप भी लगाए है।


उनका कहना है कि प्रशासन प्रति बीघा जमीन के लिए केवल 90,000 हजार रुपये ही देना चाहता है। जबकि इस क्षेत्र में जमीन की दरें प्रति बीघा लगभग 5 लाख रुपये है।

First Published - April 25, 2008 | 10:38 PM IST

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