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कोरोना के कारण ईद में फीका पड़ा बाजारों का रंग

Last Updated- December 12, 2022 | 4:57 AM IST

बीते साल की तरह एक बार फिर से कोरोना लहर के बीच पड़ रही ईद ने उत्तर प्रदेश में बाजारों का रंग फीका कर दिया है। गर्मियों में पडऩे वाली ईद के लिए खास मांग में रहने वाले चिकन के कपड़ों का बाजार ठंडा है तो बनारस और लखनऊ की मशहूर सेवइयों की मांग में भारी कमी नजर आ रही है।
उत्तर प्रदेश में बीते दस दिनों से भी ज्यादा समय से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन चल रहा है और रविवार को प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर इसे अगले सोमवार तक के लिए बढ़ा दिया है। एक बार फिर से लॉकडाउन बढऩे के चलते कारोबारियों को इस हफ्ते पडऩे वाली ईद पर बिक्री की आस खत्म हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि कपड़ों व अन्य सामानों को छोड़ें, यहां तो इस बार त्योहार के लिए जरूरी सेवईं और सूखे मेवे तक की बिक्री घट गई है। हर साल ईद के मौके पर देश भर में उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ में तैयार होने वाली सेवइयों के भारी आर्डर आते थे पर इस बार इसमें भारी कमी आई है।
राजधानी में सेवईं के कारोबारी फाखिर इस्लाम का कहना है कि माल ढुलाई में दिक्कतों को देखते हुए इस बार बाहर से सिंवई के ऑर्डर कम मिले हैं और वाराणसी के भी हाल कोई जुदा नहीं हैं। उनका कहना है कि धंधा मंदा देख कर इस बार सेवईं के दाम भी नहीं बढ़े हैं। खास ईद के मौके पर पसंद की जाने वाली जीरो नंबर की किमामी सिंवई बीते साल की ही तरह 55-60 रुपये किलो बिक रही है जबकि डबल जीरो नंबर की सिंवई 110 रुपये किलो तो कच्ची सेवईं 60 रुपये किलो है। खास भुनी हुई बनारसी सिंवई 120 रुपये किलो मिल रही है।
सामान्य दिनों में ईद के मौके पर यूपी के वाराणसी और लखनऊ से 300 करोड़ रुपये का सेवईं का कारोबार होता है। सबसे ज्यादा मांग में जीरो नंबर और बनारसी सेवईं रहती है। इस बार कोरोना संकट के चलते बाहर से मिलने वाले आर्डर 50 फीसदी कम हो गए हैं।
कारोबारियों का कहना है कि बाहर से आवक घटने के चलते सूखे मेवों के दाम अलबत्ता बढ़ गए हैं। नारियल 240 रुपये किलो, बादाम 700 रुपये किलो, काजू 720 रुपये किलो तो किशमिश 340 रुपये किलो है। इस बार सूखे मेवे के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
ईद के मौके पर सबसे ज्यादा मांग में रहने वाले चिकन के कपड़ों के बाजार का हाल और भी बुरा है। कोरोना लाकडाउन के चलते बाहरी प्रदेशों से मांग न के बराबर रही है तो उत्तर प्रदेश में भी बाजार न खुलने से बिक्री शून्य है। राजधानी लखनऊ में चिकन के मशहूर कारोबारी अजय खन्ना का कहना है कि बीते एक साल से धंधा चौपट चल रहा है। उनका कहना है कि कच्चे माल की महंगाई के बावजूद कारोबारियों ने दाम तक नहीं बढ़ाए पर उसका भी कोई लाभ नहीं हुआ। उनका कहना है कि जनवरी के बाद बाजार ने रफ्तार पकड़ी थी और लग रहा था कि सब कुछ पटरी पर लौटेगा, पर अप्रैल में रमजान शुरू होते ही लॉकडाउन ने सब पर पानी फेर दिया।
खन्ना के मुताबिक त्योहारों को देखते हुए कम से कम सरकार को कुछ प्रतिबंधों के साथ दुकानें खोलने की इजाजत देनी चाहिए। कम से कम त्योहारों के लिए खरीदारी हो सकेगी और कारोबारियों का घाटा कुछ पट सकेगा। निराशा जताते हुए वो कहते हैं कि चिकन के कपड़ों का सीजन ही होली से लेकर बरसात तक रहता है और उसी समय लॉकडाउन ने कमाई का अवसर छीन लिया है।

First Published - May 10, 2021 | 11:31 PM IST

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