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बिजली की बदहाली पर अदालत ने जताई नाखुशी

Last Updated- December 07, 2022 | 2:42 PM IST

बंबई उच्च न्यायालय की नासिक पीठ ने राज्य में बिजली की बदहाली पर नाखुशी जताते हुए महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड और महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तथा राज्य ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव से  राज्य में बिजली के वास्तविक उत्पादन, पारेषण क्षति, आपूर्ति और खपत के बारे में सही सही ब्यौरा मांगा है।


अदालत ने अपने आदेश में राज्य में बिजली उत्पादन बढाने की योजना और प्रस्तावित बिजली स्टेशनों और परियोजनाओं में हो रही देरी की वजहों के बारे में जानकारी भी मांगी है। उक्त अधिकारियों से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। इससे पहले अदालत ने राज्य में बिजली काटने के समय में बार बार बदलाव करने और परेशान कर देने वाली बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर नाखुशी जाहिर की थी।

अदालत ने यह फैसला गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। उल्लेखनीय है कि राज्य में बिजली की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कई बार इस ओर ध्यान खींचने के बाद भी राज्य सरकार और बिजली निकायों ने हालात को सुधारने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है।

न्यायमूर्ति दिलीप सिन्हा और न्यायमूर्ति ए पी भंगाले की खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2005 से इस बारे में कई बार आदेश दिया है। जिसके बाद बिजली निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बिजली की किल्लत को दूर करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अदालत ने कहा कि वह इस दिशा में उठाए गए कदम से अधिक प्रभावित नहीं है और विदर्भ सहित पूरे महाराष्ट्र में बिजली की कमी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

First Published - August 1, 2008 | 10:03 PM IST

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