पेट्रोलियम सचिव आर एस पाण्डेय भले ही यह दावा कर रहे हैं कि देश में 20 दिन के लिए पेट्रोल का, 14 दिन के लिए डीजल का और 12 दिन के लिए रसोई गैस का पर्याप्त भंडार है ।
लेकिन शुक्रवार को देश भर के पेट्रोल पंप कुछ और ही कहानी बयान कर रहे थे।
पेट्रोल पंपों पर हाहाकार मचा रहा। पेट्रोल और डीजल लेने वालों की लंबी कतार देखी जा रही है। शुक्रवार शाम तक मात्र हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के पंपों पर ही पेट्रोल और डीजल का वितरण किया जा रहा है।
दिल्ली के लगभग 400 पंपों में एचपीसीएल के पंपों की संख्या 90 से ज्यादा है। जाहिर सी बात है कि मांग की तुलना में आपूर्ति पांचवें हिस्से ही संभव हो पा रही है, जिससे स्थिति खराब हो गई।
एचपीसीएल के विपणन अधिकारी अतुल शर्मा ने कहा, ‘लोगों में अफरा-तफरी की मुख्य वजह सूचनाओं का अभाव है। लोग यह भी समझ रहे हैं कि सारी तेल कंपनियां हड़ताल पर हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इस अफरा तफरी के माहौल में लोग जरूरत से ज्यादा ईंधन की खरीद कर रहे हैं और स्थिति भयावह होती जा रही है।’
उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि इस माहौल में एचपीसीएल के हर पंपों पर यथासंभव ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, ताकि अफरा-तफरी के माहौल को कम किया जा सके।
अम्बेडकर बस टर्मिनल के नजदीक एचपीसीएल पेट्रोल पंप के मालिक राजीव चङ्ढा ने बताया कि सामान्य दिनों की तुलना में शुक्रवार को बिक्री ढाई गुना ज्यादा हो गई है।
जिन लोगों के पास एक से अधिक चार पहिया वाहन है, उन्हें जेरी केन में भी डीजल दिया जा रहा है। वाहनों में भराने के अलावा बड़ी गाड़ियों के लिए बोतलों या निजी कंटेनरों में 5 लीटर तक पेट्रोल दिया जा रहा है।
दुपहिया वाहनों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है और उन्हें अलग से ईंधन नहीं दिया जा रहा है। कतार में लगे लोगों के बीच काफी रोष देखा गया।
तेल अधिकारियों द्वारा कीर् गई हड़ताल से आम लोगों को जो परेशानी हो रही है, वह उनसे की गई बातचीत से साफ जाहिर होता है।
अभी करना होगा इंतजार
बीपीसीएल के कर्मचारियों का काम पर लौटना खुशखबरी की बात तो है लेकिन रिफाइनरियों का काम पूरी तरह से ठप पड़ जाने की वजह से उनमें काम बहाली में वक्त लगेगा। इन कर्मचारियों के काम पर लौटने के बाद भी जनजीवन पूरी तरह से सामान्य होने में कम से कम 48 घंटे का समय लगेगा।
मुंबई की यातायात व्यवस्था पर अभी भी संकट के बादल छाये हुए हैं, क्योंकि सीएनजी आपूर्ति अभी भी पेट्रोल पंपो से नहीं हो पाएगी। मुंबई में कुल 256 पेट्रोल पंपों में लगभग 200 पेट्रोल पंप एचपीसीएल और बीपीसीएल के हैं।
इस आंकड़े को देखते हुए कहा जा सकता है कि इन कंपनियों के कर्मचारियों के काम पर वापस आने से मुंबई में डीजल-पेट्रोल का संकट खत्म हो जाएगा।
महाराष्ट्र पेट्रोल पंप मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शिंदे ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर सही तरह से काम मंगलवार तक ही हो पाएगा। गेल इंडिया ने हड़ताल वापस ले ली है इस कारण मुंबई की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद जर्ताई जा रही है।
हो सकती है सख्त कार्रवाई
मध्य प्रदेश ने कहा है कि अगर ट्रक मालिक अगले दो दिनों में हड़ताल वापस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव अशोक दास ने बताया, ‘मध्य प्रदेश एस्मा को लागू किया जा चुका है और इस वक्त ट्रक मालिकों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की जरुरत नहीं है।’
उन्होंने बताया, ‘तेल कंपनियों की हड़ताल खत्म होने से हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे।’