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चुनावी माहौल में बढ़ गई बख्तरबंद वाहनों की मांग

Last Updated- December 10, 2022 | 8:43 PM IST

मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद राजनीतिक नेताओं को भी इस तरह का खतरा सता रहा है। चुनावी माहौल में जैसे बुलेट प्रूफ गाड़ियों की मांग बढ़ गई है, उससे यह बात साफ जाहिर होती है।
जब पूरे देश भर में उद्योगों को वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण गंभीर वित्तीय संकट से गुजरना पड़ रहा था, उस बीच भी हाल के कुछ महीनों में लेगार इंडस्ट्री ने कम से कम 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। चुनावी मौसम ने तो जैसे कंपनी के लिए बिक्री को और रफ्तार दे दी है क्योंकि उसके पास राजनीतिक नेताओं की ओर से ऑर्डर की भरमार आने लगी है।
सोबती समूह की लेगार इंडस्ट्री के निदेशक संचित सोबती ने बताया, ‘खासतौर पर मुंबई हमलों के बाद भारी तादाद में लोगों की ओर से अपनी गाड़ियों को बुलेटप्रूफ बनाने की मांग आने लगी है। इनमें राजनीतिक नेताओं, फिल्मी सितारों और दूसरी हस्तियों की संख्या काफी अधिक है जिनकी वजह से कारोबार को गति मिली है।’
सोबती ने बताया कि गाड़ियों को बुलेटप्रूफ बनाने का काम उन्होंने 1989 में शुरू किया था जब पंजाब आतंकवाद की गिरफ्त में था। उन्होंने यह तो नहीं बताया कि किन नेताओं ने उनसे अपनी गाड़ियों को बुलेट प्रूफ बनाने को कहा है, मगर इतना जरूर कहा कि देश भर से विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने कंपनी से गाड़ियों को बुलेट प्रूफ करने के लिए संपर्क साधा है।
उन्होंने बताया कि पहले मुख्यतौर पर ऐंबेसडर कारों को ही बुलेट प्रूफ बनाने के लिए लाया जाता था, पर अब इसके लिए कंपनी के पास मित्सुबिशी पजेरो, स्कॉर्पियो, मॉन्टेरोस और लैंड क्रूजर जैसी महंगी गाड़ियां भी आती हैं।
हालांकि गाड़ियों को बुलेट प्रूफ बनाने पर काफी खर्च आता है फिर भी नेताओं की जेब पर यह खर्च बहुत भारी नहीं पड़ता है। सोबती ने कहा, ‘ऐसी मांगें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ से आ रही हैं। इन राज्यों में राजनीतिक दबदबा काफी अधिक देखने को मिलता है। यही वजह है कि इन राज्यों से मांग और अधिक रहने की उम्मीद है।’
उन दिनों की याद करते हुए सोबती बताते हैं कि जब पंजाब आतंकवाद की आग में जल रहा था, उस समय राज्य के पुलिस महानिदेशक कंवर पाल सिंह गिल ने उन्हें सुझाव दिया था कि उन्हें कुछ ऐसा करना चाहिए ताकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे पुलिसकर्मियों की जानं बचाई जा सके।
उन्होंने बताया कि चूंकि वह पहले से ही स्टील उत्पादन के कारोबार से जुड़े हुए थे इसलिए उन्होंने गाड़ियों को बुलेट प्रूफ बनाने के कारोबार में ही कदम रखने की सोची। उन्होंने बताया कि पहली बुलेट प्रूफ गाड़ी पंजाब पुलिस के लिए ही तैयार की गई थी।
सोबती ने बताया कि कंपनी यमन, कोरिया, श्रीलंका और भूटान जैसे देशों में भी बुलेट प्रूफ उत्पादों का निर्यात करती है। उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही यूरोपीय देशों में भी निर्यात शुरू करेगी।

First Published - March 21, 2009 | 2:54 PM IST

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