तीन महीनों के इंतजार के बाद मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की हाउसिंग स्कीम-2008 का परिणाम घोषित कर दिया गया।
5,66906 आवेदकों में से 5238 आवेदकों को भाग्यशाली विजेता के रूप में चुना गया। भाग्यशाली विजेताओं के नाम विकास सदन स्थित डीडीए मुख्यालय के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक कर दिया गया है। इन नामों को डीडीए की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
लेकिन देर शाम तक ये दोनों साइट नहीं खुल रही थी। इन भाग्यशाली विजेताओं को 60 दिनों के भीतर सभी जरूरी दस्तावेज के साथ मकान की तय कीमत जमा करने को कहा गया है। ड्रा से बाहर होने वाले आवेदकों के पैसे 31 दिसंबर तक वापस कर दिए जाएंगे।
कैसे हुआ लकी ड्रा
डीडीए ने विभिन्न क्षेत्रों के चार विशेषज्ञों को ड्रा के आमंत्रित किया था। इनमें दिल्ली आईआईटी के एसएन महेश्वरी, सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योग विभाग के निदेशक एके झा, वन व पर्यावरण मंत्रालय के वित्त निदेशक डॉ. उदय शंकर व हिन्दुस्तान टाइम्स की मेट्रो संपादक शिवानी सिंह शामिल थीं।
इन चारों ने मिलकर अलग-अलग नंबर वाले छह सिक्के निकाले और उसे मिलाकर जो नंबर बना उसे भाग्यशाली विजेताओं की सूची में शामिल कर लिया गया।
पहला लकी नंबर रहा 177409, जो महावीर प्रसाद नामक एक विकलांग व्यक्ति का है। प्रसाद को रोहिणी स्थित ग्राउंड फ्लोर का एलआईजी मकान आवंटित किया गया।
सुबह से लगी भीड़
मंगलवार को सुबह से ही डीडीए मुख्यालय के बाहर आवेदकों की भीड़ इकट्ठा हो गयी। ड्रा निकालने की प्रक्रिया दोपहर 12 बजे शुरू की गयी और करीब डेढ़ घंटे के भीतर यह प्रक्रिया पूरी हो गयी। तीन बजे भाग्यशाली विजेताओं की सूची को सार्वजनिक कर दिया गया।
हालांकि कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया गया कि पहले कहा गया था कि ड्रा आवेदकों के सामने किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डीडीए अधिकारियों का कहना है कि जगह की कमी होने के कारण आवेदकों को ड्रा स्थल पर आने की इजाजत नहीं दी गयी।
कुछ लोगों ने डीडीए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। मकान लेने किए विजेताओं को फार्म भरते समय दी गई सभी जानकारी को पूरा करना अनिवार्य बताया गया है।
इस स्कीम के तहत दिल्ली से बाहर रहने वाले लगभग 1 लाख लोगों ने आवेदन किया है।दिल्ली के रोहिणी, नरेला, वसंत कुंज, मटियामहल, पीतमपुरा जैसे इलाकों में स्थित डीडीए के सभी मकान तैयार हैं।