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बुंदेलखंड की धरती उगल रही सोना!

Last Updated- December 08, 2022 | 9:43 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सोने के भंडार को खोजने में सफलता हासिल की है।


राज्य सरकार के भूतत्व और खनिज निदेशालय ने बुंदेलखंड क्षेत्र के पठारी इलाकों में चल रहे खोज अभियान के दौरान यह कामयाबी हासिल की है।

बुंदेलखंड के महरौनी इलाके में चल रहे अभियान के दौरान निदेशालय के वैज्ञानिकों की टीम को 3.5 किलोमीटर लंबी लौह अयस्क की पट्टी के निचले हिस्से में सोना खोज निकाला है।

निदेशालय के उप-निदेशक ए. एस.फारूकी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सोने की खोज के नतीजे उत्साहजनक हैं और अब यह अभियान तीसरे चरण में चल रहा है।

उनका कहना है कि ललितपुर जिले के मडौरा कस्बे से 18 किमी दूर धसान नदी के किनारे सोने के खोज की शुरुआत 2002 में की गई थी।

शुरुआती नतीजों से उत्साहित होकर अभियान को तेज किया गया और आज कई जगहों पर तो एक टन अयस्क में 13 ग्राम तक सोना मिल रहा है।

सोने की तलाशी अभियान में जुटे वैज्ञानिकों का कहना है कि मडौरा में औसतन एक टन अयस्क में 2.5 से 3 ग्राम तक सोना मिल सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा।

गौरतलब है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के कालिंजर किले के नीचे वाघिन नदी की तलहटी में खनिज निदेशालय को बीते साल खुदाई के दौरान तीन हीरे के टुकड़े मिले थे जिसके बाद वहां हीरों की खोज का काम और तेज कर दिया गया है।

उप निदेशक फारुकी के अनुसार सोने की खोज का काम अपने तीसरे चरण में है जिसे अगले साल फरवरी तक पू रा लिया जाएगा।

चौथे और अंतिम चरण में सोने की प्रति किलोमीटर क्षेत्र में उपलब्धता और निकट के और इलाकों में इसके मिलने की संभावना और गुणवत्ता पर काम किया जाएगा। फारुकी के मुताबिक सोने के व्यावसायिक खनन के इस क्षेत्र में शुरू होने में दो साल लग सकता है।

First Published - December 16, 2008 | 11:57 PM IST

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