दिल्ली में कोरोना मामले व संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। सप्ताह भर से संक्रमण दर 10 फीसदी से ऊपर बनी हुई है और लगातार बढ़कर 15 फीसदी के करीब पहुंच गई। बीते पांच दिनों से रोजाना 2,000 से अधिक कोरोना मामले दर्ज किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना हैं कि भर्ती होने वाले कम मरीजों की संख्या को देखते हुए ज्यादा खतरे वाली बात नहीं है। लेकिन इतनी ज्यादा संक्रमण दर चिंताजनक है। इसलिए अब कोरोना बचाव संबंधी सावधानियां बरतने की सख्त आवश्यकता है।
दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक रविवार को बीते 24 घंटे में 2,423 कोरोना मामले और 14.97 फीसदी संक्रमण दर दर्ज की गई। संक्रमण दर 1 अगस्त को 11.41 फीसदी थी। इसके बाद से यह दर लगातार 10 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। सप्ताह भर में रोजाना कोरोना मामले 3 गुना बढ़ चुके हैं। एक अगस्त को 822 कोरोना के मामले आए थे, जबकि 7 अगस्त को 2,423 मामले आए।
बीते पांच दिन से रोजाना 2,000 से ज्यादा कोरोना मामले दर्ज किए जा रहे हैं। सप्ताह भर से रोजाना कम से कम एक कोरोना मरीज की मौत भी हो रही है। इस माह सक्रिय मरीजों की संख्या भी लगभग दोगुना बढ़कर 8,045 हो गई है। इस समय दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के लिए 9,407 बेड आरक्षित हैं और इनमें 464 ही भरे हैं। यानी करीब 95 फीसदी बेड अभी खाली हैं।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अश्विनी डालमिया ने बताया कि लोगों ने कोरोना से बचाव संबंधी सावधानियां बरतना छोड़ दिया है। इसलिए कोरोना मामले बढ़ रहे हैं। चूंकि 2 फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। इसलिए अभी ज्यादा खतरे वाली बात नहीं है। लेकिन कोरोना संक्रमण की दर 15 फीसदी पहुंचना चिंताजनक है। अभी कोई नई लहर तो नहीं आई है। लेकिन इतनी ज्यादा संक्रमण दर कब लहर में बदल जाए पता नहीं चलेगा। इसलिए कोरोना से बचाव के उपायों मसलन मास्क पहनना, दो गज दूरी आदि को अपनाना अब सख्त जरूरी है।