केंद्र सरकार के जुलाई 2020 के निर्णय को प्रभावी बनाते हुए मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने भी लघु सूक्ष्म एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के निवेश का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने मंगलवार को बताया कि मौजूदा प्रावधानों के तहत जहां एमएसएमई के लिए 10 करोड़ रुपये के संयंत्र और पांच करोड़ रुपये के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते हैं। वहीं नए प्रस्तावों के मुताबिक 50 करोड़ रुपये के संयंत्र और 250 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले उद्योगों को एमएसएमई की श्रेणी में रखने का निर्णय ले लिया गया है।
प्रदेश में जहरीली शराब से मौत की घटनाओं के बाद सचेत सरकार ने आबकारी अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की। प्रदेश में जहरीली या अवैध शराब से मौत होने पर आरोपियों को उम्र कैद अथवा मौत की सजा देने का प्रावधान भी जोड़ा जा रहा है। मिश्रा ने बताया कि आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2021 में ये प्रावधान शामिल किए गए हैं। अब तक ऐसे मामलों में पांच से 10 वर्ष की सजा होती थी। ऐसे मामलों में जुर्माने की राशि भी बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक कर दी गई है।