हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी सुविधा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) मंदी से बाजार को बचाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक योजना पर काम कर रहा है।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा आर्थिक मंदी के आलम में हरियाणा पीपीपी परियोजनाओं की ओर ताक लगाए हुए है। अधिकारी ने यह भी बताया कि इससे न केवल राज्य में निवेश का आगमन होगा ।
बल्कि इसके परिणामस्वरूप मांग में आई रुकावट को दूर करने में भी मदद मिलेगी और साथ ही राज्य में महत्वपूर्ण बुनियादी सुविाधाओं का निर्माण भी किया जाएगा।
राज्य में प्रतिष्ठित विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की स्थापना के लिए एचएसआईआईडीसी छह डेवेलपरों के साथ समझौतें कर रही है। हरियाणा में सेज की स्थापना करने वालों में रिलायंस, डीएलएफ और यूनिटेक जैसी बड़ी कंपनियों का नाम शुमार है।
इसके अलावा, निगम ने पंचकुला में नैनोसिटी के विकास के लिए हॉटमेल के संस्थापक सबीर भाटिया के नैनोवर्क डेवेलपर्स लिमिटेड और फरीदाबाद में यूरोपियन टेक्नोलॉजी पार्क के विकास के लिए डच हरियाणा बिजनेस कंसोर्टियम के साथ भी साझा किया है।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक एचएसआईआईडीसी द्वारा सभी पीपीपी परियोजनाओं पर किए गए समझौते में एक अनुमान के अनुसार कुल मिलाकर करीब 70,000 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा और इससे लगभग 1.8 मिलियन लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर पीपीपी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अंतिम चरण में है और एकबार भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो जाने के बाद परियोजनाओं को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
एचएसआईआईडीसी औद्योगिक कॉरिडोर के लिए भी पीपीपी परियोजनाओं पर हस्ताक्षर करने की जुगत में है, जिसे निगम 1,483 किमी लंबी दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के साथ-साथ इसे भी विकसित करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के साथ ही औद्योगिक कॉरिडोर के विकास के लिए दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम (डीएमआईसीडीसी) को बनाया है। हरियाणा में औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एचएसआईआईडीसी एक नोडल एजेंसी है।
इस एजेंसी ने शुरुआत में चार परियोजनाओं की पहचान की है। ये परियोजनाएं दिल्ली-मानेसर-बावल के बीच मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सर्विस (एमआरटीएस), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र और भिवाड़ी, फर्रुखनगर-झार से होते हुए पलवल-रेवाड़ी के लिए नए रेल-लिंक को शामिल किया गया है।