केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आज आरोप लगाया कि पिछले चार वर्षो के दौरान मध्य प्रदेश निवेश के मामले में सबसे फिसड्डी राज्य साबित हुआ है।
कमलनाथ ने कहा कि भारत में आए कुल निवेश का केवल 1.7 प्रतिशत हिस्सा ही मध्य प्रदेश में आया है। राज्य सरकार निवेशक सम्मेलन आयोजित कर वाहवाही लूटती रही जबकि दूसरे राज्य निवेशकों के लिए वातावरण तैयार कर निवेश को धरातल पर लाकर आगे निकल गए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रोजगार के मौके तैयार करने, खेती को फायदेमंद बनाने और विशेष आर्थिक क्षेत्र में निवेश लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। राज्य सरकार के औद्योगिक विभाग के प्रमुख सचिव सत्यप्रकाश ने कहा कि ‘राज्य में भारत में आए कुल निवेश का लगभग 6 प्रतिशत हिस्सा आया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंडाल्को जैसी बड़ी कंपनियों न केवल प्रदेश में निवेश कर रही हैं बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के नए मौके भी तैयार हो रहे हैं। मध्य प्रदेश के निवेश को झुठलाने का कोई ठोस आधार नहीं है।’
कमलनाथ ने कहा कि ‘बैतूल और बालाघाट के किसानों ने मुझे कहा है कि वे मुफ्त में उद्योगों को जमीन देने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। केंद्र ने करीब 10 सेज प्रस्तावों को मंजूरी दी है लेकिन उनमें से एक भी धरातल पर नहीं आया।’