बिहार सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की प्रशासन में भागीदारी बढ़ाने और इस पर अमल के लिए प्रशिक्षण शिविर की योजना बना रही है।
इस कार्यक्रम के तहत सरकार ने अगले 5 साल में 216 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम 2011-12 तक चलेगा। इस कार्यक्रम में केंद्र के साथ साथ बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) और कई गैर-सरकारी संगठन भी शामिल किए गए हैं।
अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को स्थानीय शासन चलाने के लिए समुचित प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें तकनीकी रुप से कुशल भी बनाया जाएगा। कार्यक्रम के तहत पहली बार सूचना तकनीक (आईटी) सेल भी बनाया जा रहा है। इस सेल के विशेषज्ञ कंप्यूटर के माध्यम से पंचायत समिति से जुड़े विभागों में संपर्क स्थापित करने में मदद करेंगे। इस पर ढाई करोड रुपये खर्च किए जाएंगे। इसे कामयाब बनाने के लिए बेल्ट्रॉन से प्रोजेक्ट प्रस्ताव मांगा गया है।
बिहार पंचायती राज विभाग के मुख्य सचिव पंचम लाल ने कहा कि अभियान का मकसद स्थानीय स्वशासन के हाथ मजबूत करना है। अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए इन प्रतिनिधियों को समुचित प्रशिक्षण की दरकार है।
उनके मुताबिक बिपार्ड और पंचायती राज विभाग मिलकर 60 दिन का आवासीय अभियान चलाएंगे, जिसमें पंचायतों से एक-दो व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। जो व्यक्ति इस अभियान में भाग लेंगे उन्हें विशेष नाम दिया जाएगा और वे मास्टर रिसोर्स पर्सन कहलाएंगे। प्रशिक्षण के बाद वे अपनी पंचायत में जाएंगे और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करेंगे।