पुरुलिया पंपड स्टोरेज प्रोजेक्ट (पीएसपीपी) कम मांग की अवधि में सस्ती बिजली का इस्तेमाल करके देश में बिजली की कमी को कम करने के लिए तैयार है।
देश में अपनी तरह के सबसे बड़ी इस परियोजना की कुल क्षमता 900 मेगावाट है। इस संयंत्र के शुरू होने से पुरुलिया में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिला है। आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल का यह जिला कई बड़ी इस्पात कंपनियों के परिचालन का गवाह बनने वाला है।
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुध्ददेव भट्टाचार्य ने इस संयंत्र के उद्धाटन के मौके पर कहा कि इस परियोजना के चालू होने से पुरुलिया की सूरत बदल जाएगी। यहां पर आधुनिक समूह, बालाजी समूह और श्याम स्टील ने संयंत्रों की स्थापना करने की पेशकश की है। इस मेगा परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा। पुरुलिया संयंत्र दुनिया का चौथा सबसे बड़ा पंपड स्टोरेज प्रोजेक्ट है।
पश्चिम बंगाल राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड के स्वामित्व वाली इस परियोजना की कुल लागत 2,953 करोड़ रुपये है और यह अयोध्या पहाड़ी पर स्थित है। इस परियोजना के लिए जापान बैंक फार इंटरनेशनल कोआपरेशन (जेबीआईसी) के ऋण सहायता हासिल है। परियोजना में 225 मेगावाट की चार इकाइयां शामिल हैं और इनमें से सभी में परिचालन शुरू हो गया है।
भट्टाचार्य ने बताया कि इस परियोजना में बिजली उत्पादन के लिए बारिश के पानी का संचय भी किया जाएगा और इससे राज्य में ताप और पन बिजली उत्पादन के अनुपात को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी जो इस समय 96 अनुपात 4 है। पंपड हाइड्रो स्टोरेज एक ऊर्जा संचय तकनीकी है जिसमें मोटर की मदद से पानी को निचली सतह से उठाकर ऊपरी सतह पर संचित किया जाता है।
इसके बाद इस पानी का इस्तेमाल पन बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। रात में बिजली की मांग में कमी आती है जबकि दिन में बढ़ जाती है। पंपड स्टोरेज पॉवर प्लांट के जरिए ऊर्जा का प्रभावी इस्तेमाल किया जाता है।