उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जारी की गई नई वस्त्र एवं गारमेंट नीति के तहत उद्यम स्थापित करने वालों को कामगारों की भर्ती पर भी सब्सिडी दी जाएगी। नई नीति में भूमि खरीद, कैपिटल सब्सिडी, बिजली बिल के साथ ही निर्यात भाड़ा और विपणन लागत में भी छूट दी जाएगी। केंद्र सरकारी की योजना के तहत वस्त्र उद्योग के लिए बन रहे पीएम मित्र पार्कों में उद्यम स्थापित करने वालों के लिए विशेष प्रोत्साहनों का एलान किया गया है।
नई वस्त्र एवं गारमेंट नीति के तहत सरकारी प्रतिष्ठानों, विभागों अथवा विकास प्राधिकरणों द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यम लगाने वाले निवेशकों को जमीन की कुल लागत का 25 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में यह सब्सिडी 15 फीसदी ही रहेगी। सब्सिडी किसी भी दशा में परियोजना की कुल लागत के 10 फीसदी से अधिक नहीं होगी।
पीएम मित्र योजना के तहत लखनऊ व हरदोई में विकसित हो रहे वस्त्र पार्कों में भी उद्यम लगाने वाले निवेशकों को यह सुविधा दी जाएगी। नोएडा को छोड़ प्रदेश में कहीं भी वस्त्र उद्योग लगाने वाले निवेशकों को स्टांप शुल्क में 100 फीसदी की छूट मिलेगी। नोएडा में स्टांप शुल्क में छूट 75 फीसदी रहेगी। पीएम मित्र पार्क में वस्त्र उद्योग लगाने वाले निवेशकों को भी स्टांप शुल्क में छूट 100 फीसदी मिलेगी। नोएडा को छोड़ कर अन्य कहीं निजी क्षेत्र में बन रहे टेक्सटाइल पार्क में विकासकर्ता को स्टांप शुल्क की यह छूट अनुमन्य होगी। हालांकि निजी टोक्सटाइल पार्क में जमीन खरीदने वाले निवेशकों को स्टांप शुल्क में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
वस्त्र और गारमेंट इकाईयों को प्लांट व मशीनरी खरीदने पर 25 फीसदी की कैपिटल सब्सिडी मिलेगी जबकि बुंदेलखंड व पूर्वांचल में ईकाई लगाने पर 10 फीसदी की अतिरिक्त सब्सिडी भी दी जाएगी। इस सब्सिडी की अधिकतम सीमा 100 करोड़ रुपये प्रति ईकाई की होगी। वस्त्र एवं गारमेंट ईकाई को स्टाफ क्वार्टर, श्रमिकों के लिए छात्रावास या डारमैट्री बनाने पर परियोजना लागत का 25 फीसदी या अधिकतम पांच करोड़ रुपये का अनुदान प्रतिपूर्ति के रुप में दिया जाएगा। ईकाई में प्लांट व मशीनरी लगाने के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज पर देय ब्याज का 60 फीसदी अधिकतम सात सालों के लिए प्रतिपूर्ति के रुप में दिया जाएगा। नोएडा को छोड़ सभी जगहों के लिए ब्याज प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा 1.5 करोड़ रुपये प्रित वर्ष होगी जबकि नोएडा के लिए यह 75 लाख रुपये सालाना होगी। सभी वस्त्र एवं गारमेंट ईकाईयों को दस सालों तक के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में सौ फीसदी की छूट दी जाएगी।
वस्त्र उद्योग नीति के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों को मेगा व सुर मेगा की श्रेणी में बांटा गया है। पूर्वांचल व बुंदेलखंड में 50 से 75 करोड़ रुपये की लागत से और न्यूनतम 500 रोजगार देने वाली ईकाई को मेगा की श्रेणी में रखा गया जबकि अन्य क्षेत्रों के लिए लागत की सीमा 75 से 125 करोड़ रुपये व न्यूनतम रोजगार की सीमा 750 रखी गयी है। इसी तरह सुपर मेगा श्रेणी में आने के लिए बुंदेलखंड व पूर्वांचल में न्यूनतम निवेश की सीमा 75 करोड़ रुपये से अधिक व रोजगार 750 व्यक्तियों का रखा गया है। अन्य क्षेत्रों में 125 करोड़ रुपये से अधिक लागत व 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली इकाइयां सुपर मेगा की श्रेणी में रखी जाएंगी।
मेगा व सुर मेगा इकाइयों को 3200 रुपये प्रति श्रमिक रोजगार सृजन सब्सिडी अधिकतम पांच सालों तक दी जाएगी। इस सब्सिडी को पाने के लिए श्रमिकों का ईपीएफ में पंजीयन आवश्यक है।