योगी सरकार ने मुंबई में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात दी है।
प्रदेश सरकार अपने लोगों के लिए मुंबई में दफ्तर खोलेगी। प्रदेश के मुंबईकरों को यह सौगात जल्द ही मिलेगी। योगी सरकार की ओर से मुंबई में खोले जा रहे इस कार्यालय का उद्देश्य वहां रह रहे प्रदेश के लोगों को निवेश करने की सुविधा उपलब्ध कराना, उनके हितों की रक्षा करना और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। इसके जरिये मुंबई में नौकरी, व्यवसाय और अन्य काम करने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को सहूलियत देने के साथ ही उनके हितों की रक्षा भी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक मुंबई और महाराष्ट्र में रहने वाले यहां के लोगों के लिए यह कार्यालय काम करेंगे। इसके तहत यहां के मूल निवासियों जो मुंबई में रह रहे हैं, उनके लिए प्रदेश में कारोबार का वातावरण तैयार करना और प्रोत्साहन देना होगा। प्रदेश सरकार इस कार्यालय के जरिये असंगठित क्षेत्र के लाखों कामगारों के हितों की रक्षा भी करेगी।
गौरतलब है कि दोबारा सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ी तादाद में लोगों के मुंबई में रहने और वहां हो रही दिक्कतों के बारे में पता चला था। इसके बाद उन्होंने दूसरे राज्यों में रह रहे प्रदेश के लोगों पर ध्यान देने का फैसला किया।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इस दफ्तर के जरिये अप्रवासी कामगारों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करने की भी कोशिश की जाएगी। किसी आपदा के समय यह दफ्तर प्रदेश के लोगों की मदद का केंद्र बनेगा। इस कार्यालय के माध्यम से उत्तर प्रदेश के उन तमाम निवासियों से जुडऩा संभव होगा जो या तो लंबे समय से मुंबई में नौकरी या व्यसाय के लिए रह रहे हैं, या वे, जो हर वर्ष रोजगार की तलाश में मुंबई जाते हैं और समय-समय पर उत्तर प्रदेश वापस आते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक मुंबई की 1.84 करोड़ जनसंख्या में लगभग 50 से 60 लाख उत्तर भारतीय मूल के लोग रहते हैं। मुंबई में उद्योग, सेवा क्षेत्र, खुदरा व्यापार, ट्रांसपोर्ट, खाद्य व्यवसाय, फैक्टरी या मिल जैसे कई क्षेत्रों में उप्र के लोगों का उल्लेखनीय योगदान है। सूचना प्रौद्योगिकी, फिल्म, टेलिविजन, विनिर्माण, फाइनैंस, खाद्य प्रसंस्करण आदि उद्योगों में उत्तर प्रदेश के उद्यमियों का बड़ा योगदान है।