उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों के हित में एक महत्त्वपूर्ण फैसला लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी तीन औद्योगिक प्राधिकरणों में ब्याज की दरें घटा दी हैं। प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में मौजूद उद्योगों को लीज पर ली गई जमीन के लिए देय धनराशि की अदायगी न करने पर दंड ब्याज नहीं देना पड़ेगा। ब्याज में यह छूट कोरोना महामारी को देखते हुए उद्योगों को हुई हानि के मद्देनजर दी गई है। यह छूट सीमित समय के लिए ही लागू रहेगी।
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी परिसंपत्तियों जिनका आवंटन भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर) के अनुसार हुआ है उनसे ब्याज आवंटन पत्र में दी गयी शर्तों के मुताबिक ही लिया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि महामारी शुरू होने के समय इस साल 22 मार्च से 30 सितंबर के बीच नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में चल रहे उद्योगों से सभी तरह के देयों पर महज साधारण ब्याज ही लगेगा। इस अवधि में पैसा न जमा कर पाने वाले उद्योगों से किसी तरह का दंड ब्याज नही लिया जाएगा। हालांकि यह धनराशि अगर 30 सितंबर तक नही जमा की जाती तो दंड ब्याज देना होगा।
दंड ब्याज के स्थान पर साधारण ब्याज का लाभ वही उद्यमी उठा सकेंगे जो 22 मार्च से 30 जून के दौरान देय राशि को इस अवधि में ही जमा कर देंगे और 1 जुलाई से सितंबर तक की देय धनराशि 30 सितंबर तक जमा कर देंगे। यदि इस मामले में किसी तरह का डिफॉल्ट किया जाता है तो दंड ब्याज की अदायगी करनी होगी। पट्टे पर दी गयी सभी औद्योगिक जमीन का शुल्क समय पर न दे पाने वाले उद्यमियों से डिफॉल्ट अवधि के लिए 3 फीसदी दंड ब्याज लिया जाएगा।