उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पहले 100 दिनों के भीतर तीन बड़े शहरों में छोटे व मझोले उद्यमियों के लिए फ्लैटेड फैक्टरी परिसर बनाएगी। प्रदेश सरकार के लघु एवं मध्य उद्योग (एमएसएमई) विभाग ने अगले पांच सालों में निर्यात दोगुना कर तीन लाख करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य रखा है। बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश से होने वाले निर्यात में 41 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
एमएसएमई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार अगले 100 दिनों में आगरा, कानपुर और गोरखपुर में तीन फ्लैटेड फैक्टरी परिसरों के साथ ही अलीगढ़ में एक लघु औद्योगिक क्षेत्र और संत रविदास नगर तथा चंदौली में जनसुविधा केंद्रों का शिलान्यास करने जा रही है। इसके अलावा फर्रुखाबाद और तालकटोरा (लखनऊ) में औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार कार्य भी शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की जा रही है। सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम तथा निर्यात संवर्धन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 100 दिन, छह महीने, दो साल और पांच साल के लक्ष्य पर दिए गए प्रस्तुतीकरण में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विभाग को निवेश और उत्पादन बढ़ाने, बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और बढ़ावा देने के लिए समयबद्ध तरीके से अपने महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने का निर्देश दिया।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश का निर्यात अगले दो वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये और पांच वर्षों में दोगुना करके तीन लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य लक्ष्यों के मुताबिक प्रदेश में छह एमएसएमई पार्क स्थापित करना, कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर स्थापित करना और बैंकों के सहयोग से एमएसएमई क्षेत्र को ऋण वितरण बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करना शामिल है।
उत्तर प्रदेश ने पिछले पांच वर्षों में अपने निर्यात में 41 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, जो वर्ष 2017-18 में 88,967 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 के जनवरी माह तक 1,25,903.76 करोड़ हो गया है और इस साल के अंत तक डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। विभाग का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पांच लाख और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत 1.5 लाख कारीगरों को उपकरण किट वितरण और ऋण सुविधा देना है।