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सोनिया के वादों के बावजूद नाउम्मीद है उप्र का मैनचेस्टर

Last Updated- December 05, 2022 | 5:29 PM IST

कानपुर की मशहूर कपड़ा मिल ‘एल्ग्नि’ को फिर से चालू करने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आश्वासन के बाद भी मिल के मजदूर खुश नहीं हैं, उनका कहना है कि वायदे तो पिछले सात सालों से किए जा रहे हैं, लेकिन उस पर अमल हो तो बात बनें।


बंद पड़ी एल्ग्नि मिल के गेट पर पिछले छह साल से ट्रेड यूनियन काउंसिल के नेतृत्व में करीब 60 मजदूर धरना दे रहे हैं। इनमें से चार पांच मजदूर बारी-बारी से रात में भी मिल के गेट पर ही सोते हैं। कर्मचारी नेता इंद्रजीत मिश्र ने बताया कि सोनिया गांधी के आश्वासन के बाद भी हमें उम्मीद नहीं है कि बंद पड़ी मिल खुल पाएगी।


गौरतलब है कि कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहर के फलबाग मैदान में आयोजित रैली में यह घोषणा की थी कि केन्द्र सरकार एल्ग्नि मिल को फिर से खोलने की योजना बना रही है। मिश्र कहते हैं कि इससे पहले एनडीए के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी यह घोषणा कर चुके हैं लेकिन मिल आज तक नहीं खुली। वह कहते हैं कि वर्ष 2006 में स्थानीय सांसद श्री प्रकाश जायसवाल ने भी घोषणा की थी कि वर्ष 2007 में यह मिल खुल जाएगी।


बंद पड़ी एल्ग्नि मिल के कर्मचारी नेता रामपाल ने बताया कि 30 जून 2001 को यह मिल बंद कर दी गई थी तथा करीब 4000 मजदूरों व कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि पहले तो हम धरना प्रदर्शन करते रहे और नेताओं तथा अधिकारियों के घरों और कार्यालयों के चक्कर काटते रहें कि शायद मिल खुल जाए लेकिन फिर निराश होकर करीब पांच साल पहले मिल के गेट पर धरना देकर बैठ गए और आज 1,778 दिन हो गए।

First Published - April 1, 2008 | 10:41 PM IST

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