शहरी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा मकानों की जरुरत को देखते हुए उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने बिल्डरों को कई रियायतें देने का फैसला किया है।
साथ ही इंटीग्रटेड टाउनशिप विकसित करने वालों को भूमि देने संबंधी नियमों को आसान कर दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में आवास संबंधी कई अहम फैसले लिए गए जिसमें कुल क्षेत्रफल पर बनने वाले अपार्टमेंट का अधिकृत क्षेत्र बढ़ाना भी शमिल है।
कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने इन फैसले की जानकारी दी। एक और अहम फैसले में सरकार ने ललितपुर में 4000 मेगावॉट के पॉवर प्लांट लगाने संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर दी है। एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर यह परियोजना लगाएगी। इसमें बनने वाली कुल बिजली का 75 फीसदी उत्तर प्रदेश को मिलेगी। मकान और प्लॉट की रजिस्ट्री कराने वालों को राहत देते हुए स्टांप शुल्क की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
हस्तांतरण की लिखत पर तथा इससे आच्छादित होने वाली लिखतों पर स्टाम्प शुल्क की दर गजट के प्रकाशन की तारीख से लागू मानी जाएगी। एक हजार रुपये पर 125 रुपये से घटाकर स्टाम्प शुल्क की दर अब 50 रुपये होगी। इसके अतिरिक्त महिलाओं के नाम पर सम्पत्ति के पंजीयन में एक प्रतिशत की छूट नई व्यवस्था में दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
हाईस्पीड डीजल, लोसल्फर हाईस्पीड डीजल, अल्ट्रा लोसल्फर हाई डीजल, लाईट डीजल ऑयल, सुपर लाईट डीजल ऑयल एवं फर्नेश ऑयल पर प्रवेश कर से छूट गजट जारी होते ही मिलने लगेगी। निर्यातमूलक निर्माता इकाईयों को वर्तमान निर्माण में उपयोग हेतु कैपिटल गुड्स प्लान्ट, मशीनरी, स्पेयर पार्ट्स, कच्चे माल एवं कन्जूमेबुल गुड्स पर प्रवेश कर से छूट प्राप्त है।
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ को शिक्षकों को पीजीआई की तरह से वेतन और भत्ते मिलेंगे। चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा राजकीय मेडिकल कालेजों के नियमित शिक्षकों को प्राईवेट प्रैक्टिस की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी तथा इन्हें प्राईवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता 25 प्रतिशत की दर से भुगतान किया जायेगा। मंत्रिपरिषद ने प्राईवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सा शिक्षकों को संविदा के आधार नियुक्त करने की मंजूरी दी है।