लगातार चढ़ते पारे और बिजली की बढ़ रही मांग से हलकान उत्तर प्देश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अधिकारियों नें बीते दो दिनों में तापमान में आई गिरावट से राहत की सांस ली है।
लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से बदली और तापमान में गिरावट के चलते बिजली की मांग में 1000 से 1500 मेगावॉट तक की गिरावट आई है। साथ ही प्देश की बिजली की आपूर्ति में कुछ सुधार भी दर्ज किया गया है। राज्य भर मे बीते सप्ताह बिजली की मांग 8500 से 9000 मेगावॉट बनी थी जो अब घटकर 7500 से 8000 मेगावॉट तक आ गयी है।
राज्य में मंगलवार को सभी स्रोतों से लगभग 6600 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति हुई जो कि बीते 15 दिनों में सबसे ज्यादा है। इस सब के बावजूद राज्य के सभी जिलों में 8 से 10 घंटे की कटटौती जारी है। कल मंगलवार को राज्य के ताप उत्पादन केन्द्रों से 2400 मेगावॉट और जल विद्युत उत्पादन से 276 मेगावॉट बिजली मिली जबकि को-जनरेशन से 200 मेगावॉट बिजली मिली।
साथ ही केद्र के कोटे से राज्य को 3717 मेगावॉट बिजली मिल गयी। इन सारी जुगत के बाद भी पॉवर कारपोरेशन गांवों में 4 से 6 घंटे ही बिजली दे पा रहा है।बिजली की आवाजाही की समस्या को देखते हुए कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने गांवों को कम से कम 9 घंटे बिजली देने का आदेश दिया है जिसे पूरा करना अधिकारियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
मौसम में सुधार ही पटरी से उतरी बिजली व्यवस्था को सही कर सकता है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अभी भी केंद्र से ज्यादा बिजली लेनी पड़ रही है जिसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। मौसम में आए सुधार के बाद कॉरपोरेशन जिलों में 10 से 12 घंटे बिजली दे रहा है। अधिकारियों की माने तो संकट की जड़ में काफी कुछ हिमाचल प्रदेश से तय बिजली का न मिल पाना है।