उत्तराखंड में बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों के डेरा डालने के बाद उनके कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियां भी बड़ी संख्या में निवेश कर रही हैं।
पंतनगर औद्योगिक एस्टेट में टाटा मोटर्स की इकाई स्थापित होने के बाद ऑटो कलपुर्जा उद्योग में तेजी आई है। उल्लेखनीय है कि टाटा की बहुप्रतीक्षित नैनो कार को भी पहले पंतनगर में ही बनाने की योजना थी। टाटा मोटर्स ने 1,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यहां एस ट्रक बनाने के लिए विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की है। इससे करीब 75 कलपुर्जा इकाइयों को कारोबार की शुरूआत करने में मदद मिली है।
करीब 63 कंपनियों को औद्योगिक प्लॉट का आवंटन किया जा चुका है। टाटा मोटर्स की कलपुर्जा इकाई की स्थापना 900 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पंतनगर में की जाएगी। संयंत्र की स्थापना 1000 एकड़ के प्लाट में की जाएगी।
टाटा मोटर्स के अलावा कई अन्य बड़ी कंपनियां पंतनगर में संयंत्रों की स्थापना कर रही हैं। इन कंपनियों में बजाज आटो और अशोक लीलैंड शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न आटो कंपनियां पंतनगर में औद्योगिक प्लाट उपलब्ध होने के बारे में पूछताछ कर रही हैं।
राज्य में नई कलपुर्जा इकाइयों की स्थापना करने वाली कंपनी आरएसबी ट्रांसमिशन पंतनगर में 65 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। बजाज मोटर्स 35 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। टीवीएस डीजल सिस्टम्स 38 करोड़ रुपये, रोजी ताशा 89 करोड़ रुपये का और न्यू एलेनब्रस्ट वर्क्स लि. 47 करोड़ रुपये निवेश करने का इरादा रखती हैं।
उत्तराखंड राज्य बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास विभाग (सिडकुल) के मुताबिक टाटा मोटर्स के करीब 63 कलपुर्जा इकाइयों के जरिए 7,199 लोगों को रोजगार मिला है। हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड राज्य में अपने निवेश को दोगुना कर 2,000 करोड़ रुपये कर रही है। कंपनी राज्य में हर साल 2000 वाहनों का विनिर्माण करेगी।
पंतनगर औद्योगिक एस्टेट में बजाज ऑटो ने मोटरबाइक बनाने के लिए करीब 500 से 600 करोड़ रुपये तक का निवेश किया है। इसके अलावा हीरो होंडा ने हरिद्वार औद्योगिक एस्टेट में 600 करोड़ रुपये के निवेश से नई विनिर्माण इकाई की स्थापना की है। इसके आसपास करीब 8 कलपुर्जा बनाने वाली इकाइयों की स्थापना हुई है। इन 8 इकाइयों में कुल 320 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
उत्तराखंड उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया कि ‘उत्तराखंड में कलपुर्जा इकाइयों की तेजी से स्थापना हो रही है। मुझे लगता है कि मौजूदा इकाइयों के साथ ही अन्य ऑटो तथा कलपुर्जा इकाइयों को राज्य में कर छूट का फायदा उठाना चाहिए।’
आटो क्षेत्र में निवेश
टाटा मोटर्स ने आइस ट्रक बनाने के लिए 1000 करोड़ रु का निवेश किया
आरएसबी ट्रांसमिशन कर रही है 65 करोड़ रु का निवेश
बजाज आटो, टीवीएस डीजल सिस्टम्स और हीरो होंडा ने बनाई विस्तार योजना