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पेट्रोल-डीजल पर वैट : महाराष्ट्र सरकार पर आक्रमक हुई भाजपा

Last Updated- December 11, 2022 | 11:36 PM IST

पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कुछ दिन पहले तक महाराष्ट्र सरकार केंद्र पर आक्रमक थी लेकिन अब भाजपा महाराष्ट्र सरकार पर हल्ला बोल रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक वैट में कमी नहीं की जिसको लेकर भाजपा सड़क पर उतर रही है। वैट में कटौती करने के संकेत राज्य सरकार भी दे रही है लेकिन पहले वह केंद्र से जीएसटी बकाया वसूलना की बात कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार से पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती करने की मांग को लेकर राज्य के कई शहरों में आंदोलन किया। भाजपा महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वैट में कटौती की मांग को लेकर भाजपा ने राज्यभर में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि देश के करीब 11 राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती कर आम आदमी को राहत दी है, जिनमें ऐसे राज्य भी शामिल हैं जहां भाजपा की सरकार नहीं है। भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर वे सरकारें राहत प्रदान कर सकती हैं तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा करने से क्यों हिचक रही है? केंद्र ने पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर 10 रुपये उत्पाद शुल्क की कटौती की है। हालांकि, ये (वैट) राजस्व एकत्र करने के वास्ते महाराष्ट्र सरकार के लिए सोने की खान है इसलिए इसने वैट में कटौती से इनकार किया है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि कुछ दिन पहले तक महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल दल पेट्रोल-डीजल के दाम करने की मांग कर रहे थे,  पेट्रोल- डीजल की कीमतों को लेकर आंदोलन कर रहे थे लेकिन जब केंद्र सरकार ने कीमतों में कटौती शुरू की तो वह मौन है जिससे साबित होता है कि उनका आंदोलन महज दिखावा था। महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 25 फीसदी और डीजल पर 21 फीसदी वैट लगाती है। इसके अलावा 9 फीसदी का अतिरिक्त कर ( सेस) लगाती है। जिसके कारण महाराष्ट्र में कीमतें देश के दूसरे राज्यों के अपेक्षा अधिक है। पेट्रोल- डीजल से राज्य सरकार को सालाना लगभग 40 हज़ार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है।
महाराष्ट्र सरकार कीमतें न कम करने के पीछे तर्क देती है कि राज्य के ऊपर कर्ज है जिसके वजह से वह कीमतें कम नहीं कर पा रही हैं। गौरतलब है कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र पर तकरीबन 6 लाख करोड़ का कर्ज है। कुछ दिन पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर हमें राज्य सरकार से बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि वे निश्चित रूप से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर राहत देंगे, हालांकि केंद्र को राज्य को जल्द से जल्द जीएसटी मुआवजा देना चाहिए । इसके बाद ही लोगों की मदद के लिए यह फैसला लेना संभव हो सकेगा । इस पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बात की है।
वैट की दर कम करने के सवाल पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पांच रुपये कम करके केंद्र सरकार ढोल पीट रही है, केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और कम कर दे, खुद ही लोगों को ईंधन सस्ता मिलने लगेगा। जीएसटी शेयर मिलने पर राज्य सरकार भी लोगों को राहत देने का काम करेगी। बीजेपी शासित राज्यों में वैट राजनीतिक कारणों से घटाया गया है।
दीवाली की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की थी। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती की गई थी। इसके बाद कई राज्यों ने वैट में कटौती का ऐलान किया, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमत 12 रुपये तक कम हो गई। चौतरफा दबाव के पीछे महाराष्ट्र सरकार की तरफ से भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ कमी के संकेत दिए गए थे लेकिन अभी तक कुछ निर्णय नहीं लिया गया। जिस पर चंद्रकांत पाटिल ने चुटकी लेते हुए कहा कि पिछले 17 महीनों से कीमतें कम करने की बात राज्य सरकार कर रही है और हर बार कहती है कि इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा लेकिन कुछ होता नहीं है।

First Published - November 12, 2021 | 12:03 AM IST

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