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छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा

Last Updated- December 08, 2022 | 12:01 AM IST

उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था करने जा रही है।


यूपीटीयू ने नोएडा में एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। शुरुआत में यह केंद्र 10 नोडल केंद्रों की आवश्यकताएं पूरी करेगी। इसके अलावा, इस केंद्र को अन्य 50 कॉलेजों में सेवाएं मुहैया कराने के लिए भी सुलभ बनाया जाएगा।

इस पहल से यूपीटीयू दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों को बुलाना चाहती है ताकि वे छात्रों को व्याख्यान दे सके और छात्रों के साथ बातचीत का एक माहौल तैयार कर सके। इसके जरिए एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाएगा, जिसके माध्यम से शिक्षक वीडियो कान्फे्रंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश में स्थित विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के सभी छात्रों के साथ जुड़ सकेंगे।

यह उम्मीद जताई जा रही है कि यूपीटीयू की इस पहल से कम शिक्षकों के जरिए अधिक से अधिक छात्रों को पढ़ाने में मदद मिलेगी। संकायों की कमी को देखते हुए यूपीटीयू द्वारा आभासी कक्षा की व्यवस्था कराने से संकायों एवं छात्रों के अनुपात में सुधार देखने को जरूर मिलेगा।

यूपीटीयू के उप कुलपति प्रोफेसर प्रेम व्रत ने बताया, ‘हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, वहां शिक्षा की गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जाएगी। छात्रों को क्वालिटी शिक्षा मुहैया कराने के लिए हम लोग विभिन्न सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे।’

प्रोफेसर प्रेमव्रत ने बताया कि दुनिया भर में शिक्षा प्रणाली पर नई सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) का दबाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। 21वीं सदी में छात्रों को पढ़ाने के लिए ज्ञान के साथ-साथ कौशल की भी जरूरत है।

प्रो. प्रेमव्रत ने बताया, ‘नई प्रौद्योगिकियों के आने के बाद भाषण आधारित शिक्षा प्रणाली की जगह अब छात्रों और शिक्षकों के बीच बातचीत आधारित शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है।’ शिक्षा के प्रसार में आईसीटी के उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए गुप्ता ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी से सुसज्जित शिक्षा प्रणाली समय की मांग है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि देशभर की विभिन्न कंपनियों के विभिन्न पदों पर काम करने वाले करीब 12 फीसदी आईटी पेशेवर उत्तर प्रदेश से आते हैं और यह राज्य अकेले सालाना लगभग 75,000 इंजीनियर तैयार करने में योगदान देता है।

First Published - October 14, 2008 | 9:42 PM IST

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