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मलिक-भाजपा के बीच वार-पलटवार का दौर जारी

Last Updated- December 11, 2022 | 11:37 PM IST

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और भाजपा नेताओं के बीच वार पलटवार का दौर जारी है। नवाब मलिक ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जाली नोटों की जब्ती से संबंधित एक मामले को दबाने और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की विभिन्न सरकारी बोर्ड में नियुक्त करके राजनीति का अपराधीकरण करने का आरोप लगाया तो भाजपा नेताओं ने मलिक के अंडरवर्ल्ड से रिश्तों की पोल खोलने का दावा किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मलिक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी किए जाने के बाद अन्य राज्यों से जाली नोट पकड़े गए जबकि महाराष्ट्र में ऐसा एक भी मामला नहीं आया। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे। मलिक ने कहा कि 8 अक्टूबर, 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किए थे। मगर देवेंद्र फडणवीस ने मामले को दबाने में मदद की। जब्त राशि को बाद में 8.8 लाख रुपये के मूल्य के बराबर दिखाया गया। उन्होंने सवाल किया कि मामले को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को क्यों नहीं सौंपा गया? मलिक ने कहा कि संयोग से उस वक्त समीर वानखेडे डीआरआई में संयुक्त निदेशक थे।
मलिक ने कहा कि इस मामले में इमरान आलम शेख नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। मंत्री ने दावा किया कि बाद में उसके भाई हाजी आराफात शेख को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भारतीय जनता पार्टी फडणवीस पर अपने हमले जारी रखते हुए मलिक ने कहा कि आने वाले दिनों में और बम गिराए जाएंगे तथा वह इस मुद्दे पर भाजपा का पर्दाफाश करेंगे। मलिक ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने अपराधिक पृष्ठभूमि के कई लोगों को राज्य के बोर्ड में नियुक्त किया। नागपुर के मुन्ना यादव को महाराष्ट्र निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जबकि उनके खिलाफ हत्या जैसे आपराधिक मामले दर्ज थे। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस ने उस व्यक्ति को संरक्षण दिया जिसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी है। जब मलाड पुलिस ने मामले की जांच करने की कोशिश की तो उस पर दबाव डाला गया। फडणवीस ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को सरकारी पदों पर नियुक्त करके राजनीति का अपराधीकरण किया है।
भाजपा नेता आशीष शेलार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा सरकारी बोर्ड में की गई कुछ लोगों की नियुक्तियों का बचाव किया। शेलार ने कहा कि यह सच है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने हाजी अराफात, हाजी हैदर और मुन्ना यादव को कुछ सरकारी बोर्ड में नियुक्त किया था। हाजी अराफात और हाजी हैदर की नियुक्तियों को उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट में पाक साफ बताए जाने के बाद मंजूरी दी गई थी। मुन्ना यादव के खिलाफ एक आरोप है जिसपर वह स्पष्टीकरण देंगे। उन्होंने दावा किया कि अराफात और हैदर के खिलाफ कुछ आरोप हो सकते हैं, लेकिन वे राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के संबंध में होंगे।
पलटवार करते हुए शेलार ने कहा कि अगर ये लोग कुछ गलत कामों में शामिल थे तो मौजूदा महा विकास आघाड़ी सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? गृह मंत्रालय राकांपा के पास है। राकांपा कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। शेलार ने दावा किया कि इमरान आलम शेख कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन सचिव थे। वह अब राकांपा के साथ हैं। पार्टी अब क्या स्पष्टीकरण देगी? मलिक मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदाय के उभरते हुए नेताओं की छवि खराब कर रहे हैं। सवाल यह है कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं?
मलिक ने मंगलवार को कहा था कि वह एक हाइड्रोजन बम छोड़ेंगे और फडणवीस के अंडरवर्ल्ड के साथ कथित रिश्तों का भंडाफोड़ करेंगे। फडणवीस ने इससे पहले मंगलवार को आरोप लगाया था कि एक दशक पहले 1993 मुंबई बम विस्फोटों के दो दोषियों और मलिक तथा उनके परिवार के सदस्यों के बीच एक संदिग्ध भूमि सौदा हुआ था। इस आरोप को मंत्री ने खारिज किया है। मलिक और फडणवीस ‘अंडरवर्ल्ड’ से संबंधों को लेकर एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं। दोनों ने ही अंडरवर्ल्ड से रिश्ते होने से इनकार किया है। मलिक ने पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ एक कथित मादक पदार्थ तस्कर की तस्वीर ट्वीट की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके बाद कहा था कि वह दीवाली के बाद अंडरवर्ल्ड के साथ मलिक के कथित रिश्तों के बारे में बताएंगे।

First Published - November 10, 2021 | 11:23 PM IST

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