facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र को है नई इकाइयों का इंतजार

Last Updated- December 07, 2022 | 1:42 AM IST

भले ही दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लघु उद्योगों के विकास के लिए कोई कसर न छोड़ी हो, लेकिन वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र आज भी चमकने का इंतजार कर रहा है।


खास बात यह है कि पिछले तीन सालों में यहां एक भी नई औद्योगिक इकाई स्थापित नहीं हो पाई है। वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना 60 के दशक में की गई थी। लेकिन आज भी यहां उद्योगों के  विकास के लिए कई बुनियादी सुविधाओं का टोटा लगा हुआ है।

वजीरपुर में एक केमिकल फैक्टरी के मालिक आर एस सिंह का कहना है कि वजीरपुर में चमड़ा, प्लास्टिक, तेजाब, रसायन, हार्डवेयर और स्टील से संबधित औद्योगिक इकाइयां स्थित है। लेकिन यहां सड़क और सीवेज की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण माल ढोने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

इस बाबत वजीरपुर लघु उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष सीताराम बंसल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमारे एसोसिएशन में इस औद्योगिक क्षेत्र की 450 से 500 इकाइयां सदस्य है। वैसे तो इस औद्योगिक क्षेत्र में बिजली, पानी की पर्याप्त सुविधा है लेकिन सड़कों और सीवेज की सही व्यवस्था के ठीक न होने के कारण थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

बंसल ने बताया कि जितनी भी औद्योगिक इकाइयां वजीरपुर से गई है। वे सभी अपने व्यक्तिगत कारणों की वजह से गई है न कि ऐसी किसी असुविधा के चलते। इस औद्योगिक क्षेत्र में किसी नई औद्योगिक इकाई के आने के सवाल पर एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है दिल्ली सरकार ने लघु उद्योग आरक्षित क्षेत्रों में अब तरह-तरह की सुविधाएं दे रखी है। इसलिए यहां कौन आएगा।

अगर गौर किया जाए तो दिल्ली सरकार ने राजधानी में लघु उद्योगों के विकास के लिए सड़क निर्माण, बागवानी, वाटर टैंक, जल संरक्षण ,सार्वजनिक शौचालयों, सीवेज, कचरा, स्ट्रीट लाइटों की सुविधाएं दी है। लेकिन वजीरपुर में इनमें से ज्यादातर सुविधाएं नदारद है। इस बाबत हार्डवेयर का व्यापार करने वाले रमेश नांरग का कहना है कि हमें तो इनमें से ज्यादातर सुविधाओं के बारे में पता भी नहीं हैं।

खास बात यह है कि 1997 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए  एक निर्णय के तहत औद्योगिक प्रदूषण को रोकने और पर्याप्त बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने के लिए राजधानी में 15 सीईपीटी (कॉमन एफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) क्षेत्रों को चुना है। उनमें से एक वजीरपुर भी है। इन क्षेत्रों में प्रदूषण को रोकने के लिए केन्द्र और दिल्ली सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

First Published - May 25, 2008 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट