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चंडीगढ़ में झुग्गी-झोपड़ी का क्या काम

Last Updated- December 05, 2022 | 10:03 PM IST

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) सार्वजनिक निजी समझौते के तहत चंडीगढ़ को देश का पहला झुग्गी-झोपड़ी मुक्त शहर बनाने की राह पर है।


सीएचबी ने दो वर्ष पहले पार्श्वनाथ डेवलपर्स से शहर में रिहायशी, वाणिज्यिक और अन्य बुनियादी ढ़ाचे जैसे आईटी पार्क  आदि को निर्मित करने का निर्णय लिया था। सीएचबी ने नीलामी के दौरान लगाई गई बोली में लगभग 821 करोड़ रुपये की राशि को प्राप्त किया था।


इसके अलावा  सीएबी ने रिहायशी इलाकों से प्राप्त होने वाले राजस्व के 30 फीसदी हिस्से को प्राप्त करने की बात कही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सीएचबी को प्राप्त होने वाला कुल राजस्व (इसमें मकान की कीमत भी शमिल है) लगभग 1500 करोड़ रुपये के आस-पास है। सीएचबी को प्राप्त होने वाली इस राशि का प्रयोग शहर को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने में किया जाएगा।


झुग्गियों में रह रहे लोगों को मुफ्त में घर देने की योजना का खुलासा करते हुए सीएचबी के अध्यक्ष मोहनजीत सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि चंडीगढ़ में लगभग 23,841 परिवार झुग्गी-झोपड़ियों में बसर कर रहें हैं। इन परिवारों के सीएचबी 1887 फ्लैटों को निर्माण करेगा।


सिंह ने यह भी बताया कि इस योजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 8064 छोटे फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। इन पांच क्षेत्रों में मालोया द्वितीय में 3648 यूनिट , मौली जागरण द्वितीय में 1696 यूनिट, राम दरबार में 576 यूनिट, सेक्टर 49 में 1120 यूनिट और सेक्टर 38 में 1024 यूनिटों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार इसके लिए जमीन का अधिग्रहण कर चुकी है।


इस योजना के दूसरे चरण में मालोया में 8896 फ्लैटों और ढानास में 8448 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के लिए लगभग मालोया में 166 एकड़ और ढानास में 162.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।


मनजीत सिंह ने बताया कि इस योजना के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है और काम शुरु करने के लिए टेंडर भी जारी कर दिये गये है। सिंह ने बताया कि मालोया और ढनास में इस योजना को एकीकृत आवासीय परिसर के आधार पर बनाया जाएगा। इसके तहत स्कूल, डिस्पेंसरी, शपिंग और जल संरक्षण की सुविधाओं को भी प्रदान किया जाएगा।


उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड पहली सार्वजनिक निजी परियोजना के साथ अपने अनुभवों को बढ़ा रहा है और बोर्ड भविष्य में ऐसे ही और उद्यमों की शुरुआत भी कर सकता है। उन्होंने का पूरी कवायद का मकसद धन औैर अन्य संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा। यह योजना चंडीगढ़ में पीपीपी के जरिए विकसित की जा रही सर्वाधिक महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है और इसके अनुभव सरकार के लिए काफी मायने रखते हैं।

First Published - April 18, 2008 | 10:46 PM IST

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