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मालवा में गेंहू का रकबा होगा कम

Last Updated- December 08, 2022 | 1:05 AM IST

इस बार रबी के मौसम में मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में गेंहू का रकबा करीब 25 प्रतिशत  कम हो जाएगा।


राज्य सरकार ने इस साल रबी की फसलों का रकबा 85 लाख हेक्टेयर हो जाने का दावा किया था, जो पिछले साल के 76.82 लाख हेक्टेयर से लगभग 9 लाख ज्यादा है। लेकिन कम वर्षा, सूखे जलाशय और कम सिंचिंत क्षेत्र किसानों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

तवा, बर्ना, बर्गी और संजय गांधी समेत सभी प्रमुख जलाशय सूख चूके है। राज्य सरकार ने सिंचिंत क्षेत्र 7 लाख हेक्टेयर से घटकर 4 लाख हेक्टेयर रह जाने का अनुमान लगाया है।

राज्य के किसान कल्याण, कृषि विकास एवं सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव प्रवेश शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वर्षा कम होने से मालवा क्षेत्र में गेंहू के रकबे में इस बार लगभग 25 फीसदी की कमी आएगी।

शर्मा ने कहा कि चंबल और बुंदेलखंड इलाकों में अच्छी बारिश हुई है, इसलिए हमारे नुकसान की भरपाई हो जाएगी। पिछले साल ग्वालियर ने लक्ष्य का 50 प्रतिशत उत्पादन किया था।
राज्य सरकार ने गेंहू का रकबा 37 लाख हेक्टेयर पर रुकने और कम खेती की जाने वाली फसल चने का रकबा 24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अंदाज लगाया है।

उन्होंने बताया कि अगर इस बार सर्दी में पानी बरसता है तो चने का उत्पादन बढ़ जाएगा। गेंहू के बीजों का वितरण 2.86 लाख क्ंविटल से बढ़कर 8.35 लाख क्ंविटल और चने के बीजों का वितरण 48,000 हजार क्विंटल से बढ़कर 100,000 हजार क्विंटल हो गया है। उर्वरकों (डाई अमोनियम फास्फेट)की उपलब्धता भी 4.25 टन की मांग के मुकाबले  2.70 लाख टन रही। जबकि बीजों की बिक्री पिछले साल के 43,000 हजार टन की अपेक्षा 2.12 लाख टन पर पहुंच गई है।

First Published - October 23, 2008 | 9:01 PM IST

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