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ट्रकों का चक्का थमा तो वीरान हुईं मंडियां

Last Updated- December 07, 2022 | 8:45 AM IST

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्टर कांग्रेस द्वारा 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल से सबसे ज्यादा बुरा असर महाराष्ट्र के व्यापारियों के कारोबार पर पड़ा है।


सबसे ज्यादा फर्क मुंबई के अंतर माल सप्लाई पर पडा। मंडियों में हड़ताल का पहला दिन होने की वजह से खास असर नहीं हुआ लेकिन हड़ताल दो दिन भी चलती है तो जरुरी सामान में महंगाई का एक और तडक़ा लगेगा। महाराष्ट्र का सबसे बड़ा फल,फूल, अनाज और सब्जी का बाजार एपीएमसी में ट्रासपोर्टरों की हड़ताल का असर दिखाई देने लगा है।

औसत कारोबारी दिन में 1460 ट्रक माल बाजार में आता है, लेकिन बुधवार को  बाजार में सिर्फ 1113 ट्रक ही माल आ सका। सबसे ज्यादा असर मसाला और अनाज बाजार में पड़ा। औसतन मसाला बाजार में 228 और अनाज बाजार में 379 ट्रक आते हैं लेकिन बुधवार को यहां क्रमश: 146 और 213 ट्रक ही आ सके।

एपीएमसी के सेक्रेटरी सुधीर तुंग्गार के अनुसार आज तो कोई बात नहीं लेकिन हड़ताल आगे चली तो मसाला और अनाज मार्केट लगभग बंद ही हो जाएगे। जिसे कारोबारियों को तो करोडों का घटा होगा ही पर इसका साइट इफेक्ट महंगाई पर पड़ेगा। दो दिन भी हड़ताल चल जाती है तो यहां से जाने वाली सब्जियां और आनाज के कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।

करोड़ों की चपत

देशभर में 48 लाख वाहनों केचक्का जमा होने से इस इंडस्ट्री को लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान हर दिन होगा। ट्रक खड़े करने पर भी ड्राइवर और सलाना टैक्स तो अदा ही करने ही होते है। औसतन एक ट्रक का एक दिन का खर्च 800 रुपये आता है। इस प्रकार ट्रक मालिकों की कमाई तो कुछ नहीं पर खर्च के नाम पर उन्हे अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

चक्का जमा से सरकारी खजाने में भी करोड़ों रुपये की राशि नहीं जा पाएगी। एक अनुमान के अनुसार टोल टैक्स से सरकार को हर दिन करीबन 200 करोड रुपये की आय होती है। पेट्रोल पंपों में सप्लाई करने वाले टैकर हांलाकि  सिर्फ 40 फीसदी है लेकिन हड़ताल से एक डर का माहौल बन जाता है जिससे खुद के भी टैकर काम नही कर पाते हैं।

उप्र में फंसा करोड़ों का माल

ट्रक आपरेटरों की हड़ताल का असर उत्तर प्रदेश के बाजारों में दिखने लगा है। देशव्यापी हड़ताल के चलते प्रदेश में जरुरी सामानों की आपूर्ति पर असर पड़ा है। अकेले उत्तर प्रदेश की फल मंडी में ट्रक की हड़ताल के चलते करोड़ों का माल फंस गया है। आम के सीजन में हुई हड़ताल के चलते प्रदेश के निर्यातकों को खासा नुकसान हो रहा है। आम उत्पादक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शिवसरन सिंह के मुताबिक इस समय निर्यात का पीक सीजन है और ऐसे में हड़ताल खासी भारी पड़ रही है।

हड़ताल के कुल दो दिन में ही दशहरी की कीमते अर्श से फर्श पर आ गयी हैं। इसके ठीक उलट सब्जियों की कीमतों मे उछाल देखा जा रहा है। सिंह के मुताबिक अगले तीन दिन में सब्जी की कीमत में और उछाल दिखायी पड़ेगा। उन्होंने बताया कि निर्यात के आर्डर की डिलीवरी का दबाव आम उत्पादकों पर है और ट्रक हड़ताल के चलते नए आर्डर लेने से उत्पादक कतरा रहे हैं। जल्दी सड़ने वाली सब्जियों की कीमत बाजार में तेजी से बढ़ गयी है। दुबगा सब्जी मंडी में ट्रकों की आमद घटने से आढ़तियों ने आज से ही सब्जी की कीमतें बढ़ाकर वसूलनी शुरु कर दी हैं।

हालाकिं दशहरी की कीमत 20 रुपए से तेजी से घटकर 12 रुपए खुदरा बाजारों और थोक बाजार में 16 रुपए से घटकर 9 रुपए पर आ गिरी हैं।  इसके उलट आलू और प्याज की कीमत दो रुपए चढ़ गयी है। संभागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार प्तिदिन लखनऊ -सीतापुर राजमार्ग पर 370 से 400 ट्रकों की आवाजाही होती है जोकि कल से घटकर आधी रह गयी है। ट्रकों की हड़ताल के बाद भारतीय खाद्य निगम के अनाज भंडारण का काम भी प्रभावित हुआ है। 

लखनऊ में निगम के तालकटोरा स्थित गोदाम के बाहर ट्रकों की कतार लगी है। गल्ला मंडी के थोक व्यापारियों की मानें तो हड़ताल वापस नही होती है तो आटा सहित चावल और दाल की कीमत अगले दो ही दिनों में बढ़ जाएंगी। बाजार पहले से ही माल भाड़ा बढ़ने से तेजी पर था अब हड़ताल ने हालात और खराब कर दी है।

मप्र में टैक्स घटाने की मांग

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन द्वारा जारी देशव्यापी हड़लात में मध्य प्रदेश के वाहन चालकों (ट्रांसपोर्टरों) ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। संगठन के करीब 20 फीसदी कर्मचारी इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं। मध्य प्रदेश के वाहन चालक न केवल खुद पर लगाए जाने वाले करों को युक्तिसंगत बनाने की मांग कर रहे हैं बल्कि टोल टैक्स को भी कम करने की मांग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव परविंदर सिंह भाटिया ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सरकार का कहना है कि सभी कारोबारी ट्रांसपोर्टरों को नगर निगमों से पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। इस आदेश से हम खुद के कारोबार से बाहर फेंक दिए जाएंगे।

बादल उतरे समर्थन में

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज केंद्र सरकार से ट्रक परिचालनकर्ताओं द्वारा उठाई गई मांगों को स्वीकार करने को कहा है। बादल का मानना है कि ट्रक परिचालनकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे उचित हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि विभिन्न कारणों से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से लोग पहले से ही प्रभावित हैं और ट्रक परिचालनकर्ताओं द्वारा की गई हड़ताल आम आदमी के लिए स्थिति और बदतर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि ट्रक मालिकों को राहत नहीं पहुंचाई गई तो इसका दूरगामी असर सड़क परिवहन पर देखने को मिलेगा। राज्य में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला।

First Published - July 2, 2008 | 9:44 PM IST

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