सरकारी नीतियों के प्रबंधन, क्रियान्वन और मानीटरिंग में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत चयनित करेगी। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के पिछड़े 100 ब्लाकों के लिए प्रतिभाशाली नौजवानों का चयन किया जाएगा। इन चुने गए नौजवानों को एक साल तक फेलोशिप दी जाएगी। फेलोशिप के लिए नौजवानों का चयन प्रदेश सरकार का नियोजन विभाग करेगा।
प्रदेश मंत्रिपरिषद ने बीते महीने ही मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम को मंजूरी दी है जिसके तहत युवाओं को सरकारी नीतियों के बनाने, उनके प्रबंधन, परियोजनाओं के क्रियान्वन और अनुश्रवण के काम में जोड़ा जाएगा। प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम पर पहले साल 5.58 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत चुने गए शोधार्धी को 30000 रुपये प्रति माह की दर से पारिश्रमिक दिया जाएगा। फील्ड वर्क के लिए 10000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। साथ ही टैबलेट खरीदने के लिए भी एकमुश्त 15000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। नियोजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फेलोशिक कार्यक्रम के लिए आवेदन लेना शुरु कर दिया गया है। मंडल स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी को सौंपी गई है।
फेलोशिप कार्यक्रम के लिए कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, वन, पर्यावरण और जलवायु, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण एवं कौशल विकास, ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन एवं संस्कृति, डेटा साइंस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, जैव प्रौद्योगिकी, मशीन लर्निंग, डेटा गर्वनेस, बैंकिंग, वित्त एवं कर राजस्व, लोक नीति व गवर्नेस के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले छात्रों अथवा शोधार्थियों का चयन किया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवा आवेदन कर सकते हैं। कंप्यूटर की जानकारी रखने वाले 40 साल से कम आयु के युवा ही आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने वाले युवाओं को उनकी शैक्षिक योग्यता, डिग्री, राष्ट्रीय एवें अंतरर्राष्ट्रीय पुरस्कारों व विशेष उपलब्धियों सहित अनुभव के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया जाएगा।