योगी सरकार जल्द ही प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को नौकरी अथवा रोजगार देने की योजना शुरु करेगी। इस योजना के तहत बड़ी तादाद में लोगों को अपना रोजगार शुरु करने के कर्ज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
गुरुवार को प्रदेश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए ऋण मेले के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना की भी शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की मदद तो कर रही रही है और अब जल्दी ही ऐसी योजना लाई जाएगी जिसमें हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार या स्वतः: रोजगार से जोड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने या रोजगार से जोड़ने का वादा किया था। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को इस वादे को जल्द पूरा करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर बीते पांच सालों में प्रदेश में बड़ी ताकत बन गया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष 2016-17 में अखिलेश सरकार ने 635583 एमएसएमई इकाईयों को 27202 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया था, जबकि योगी सरकार के बीते कार्यकाल के दौरान एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 9537900 लोगों को 2.50 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया।
प्रवक्ता के मुताबिक देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं और हर जिले में नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है। कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां इस सेक्टर में लगाई गई.
ऋण मेले के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ की वार्षिक ऋण योजना की भी शुरुआत हो रही है जिससे कि प्रदेश के उद्यमियों और हस्तशिल्पियों की मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद एक जनपद एक उत्पाद योजना की शुरुआत होने के गांव गांव में लोगों को अपना उद्यम शुरू करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि आज 1.56 लाख करोड़ रुपए के उत्पाद प्रदेश से निर्यात हो रहे हैं।