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कोविड प्रतिबंध घटने से त्योहारों में बढ़ेगा विज्ञापन खर्च

Last Updated- December 11, 2022 | 4:15 PM IST

ऐसा दो वर्ष बाद हो रहा है जब त्योहारों पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। इस बार ओणम और गणेश चतुर्थी के साथ अगस्त के अंतिम सप्ताह से त्योहारी सीजन की शुरुआत होने जा रही है। 
इससे मल्टीप्लेक्स ऑपरेटरों और प्रसारकों को ढेर सारे विज्ञापन मिलने की संभावना है। ये अप्रैल-जून तिमाही की सुस्ती के बाद त्योहारों में व्यापार बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। पीवीआर और आईनॉक्स जैसी सिनेमा श्रृंखलाओं के लिए विज्ञापन रिकवरी दर पहली तिमाही में लगभग 62-65 फीसदी थी, लेकिन दूसरी तिमाही की जुलाई-अगस्त की अवधि काफी हद तक चुनौतीपूर्ण रही है। इसका कारण बड़े बजट वाली फिल्मों के फ्लॉप होने से कम सीटों का बुक होना है। इसी तरह, जी टीवी जैसे प्रसारकों को भी महंगाई  के दबाव के कारण कठिनाई महसूस होती रहती है । 
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, ज़ी टीवी ने लगभग 925.7 करोड़ रुपये का विज्ञापन राजस्व दर्ज किया, जो सालाना 5.8 फीसदी की वृदि्ध दर दर्शाती है। हालांकि, जनवरी-मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही) की तुलना में पहली तिमाही में विज्ञापन राजस्व 14 फीसदी कम था। लेकिन तीसरी तिमाही में रुझान उल्टा हो सकता है। पीवीआर, आईनॉक्स और ज़ी टीवी के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि  विज्ञानदाता इस अवधि के दौरान ज्यादा संख्या में विज्ञापन देते हैं लेकिन इस वर्ष प्रतिबंध न होने के कारण यह अवधि महत्त्वपूर्ण रहेगी।
विशेष रूप से, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान 
(एफएमसीजी), वाहन, रिटेल, ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी श्रेणियों में पारंपरिक 
विज्ञापनदाताओं से ज्यादा विज्ञापन मिलने की उम्मीद है।
इन क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कहा कि उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा, केरल में ओणम और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों की खरीदारी जोरों पर है। और बाजार में नई उम्मीद जाग रही है। हम जल्दी से पुरानी स्थिति में जाने के लिए आशान्वित रहते हैं। जैसे विज्ञापन बढ़ेगा वैसे ही हम बड़े बाजार-व्यापी विज्ञापन और प्रचार खर्चों का लाभ उठाएंगे। ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका ने पिछले हफ्ते कंपनी परिणाम की घोषणा करते हुए कहा था कि हम उद्योग में लौटने के लिए उच्च वृदि्ध दर के प्रति आशान्वित हैं।
पीवीआर के मुख्य कार्याधिकारी गौतम दत्ता ने एक निवेशक बैठक में कहा कि दूसरी तिमाही थोड़ी दबाव में रहने वाली है लेकिन पहली तिमाही की तुलना में औसतन कमाई ज्यादा ही होगी। हालांकि तीसरी तिमाही, जो कि त्योहारों की अवधि है, हम बड़े पैमाने पर कोविड के पहले वाली स्थिति में होंगे। 
सितंबर और दिसंबर के बीच त्योहारों की अवधि भारत में विज्ञापन खर्च का एक तिहाई हिस्सा है। ये त्योहार विज्ञापन क्षेत्र में बड़ा योगदान देते हैं। पिछले दो वर्षों में कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण कुल खर्च पर काफी लगाम लगी है।
एफएमसीजी और वाहन के क्षेत्र में विज्ञापन काफी हद तक कमजोर रहा जिसके कारण आउट-ऑफ-होम श्रेणियां, जैसे कि खुदरा और सिनेमा श्रृंखला को खमियाजा भुगतना पड़ा। 
पारंपरिक विज्ञापन में फिर से बढ़ोतरी का संकेत ग्रुपएम, जेनिथ और देंत्सू जैसी मीडिया एजेंसियों ने अपने मध्य-वर्ष के पूर्वानुमानों में दिया है। उन्होंने कहा कि 2022 में विज्ञापन के क्षेत्र में 16-22 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जिसकी शुरुआत कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही में त्योहारी सीजन से होगा।
पीवीआर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नितिन सूद ने हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में इस बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि सिनेमा क्षेत्रों के लिए साल की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही बेहतर रहेगी। इसकी शुरुआत बड़ी फिल्मों के साथ-साथ लोगों के घर से बाहर निकलने के दौरान होगी। आइनॉक्स लीजर के सीईओ आलोक टंडन ने कहा कि विज्ञापनदाता पहली तिमाही के दौरान इंतजार करके माहौल समझने की कोशिश में थे। त्योहारी सीजन के साथ अब हमें विज्ञापन के नजरिये से वापस सामान्य स्थिति में आ जाना चाहिए। 
टंडन ने कहा कि नए जमाने के ग्राहकों, जैसे कि फिनटेक 
विज्ञापनदाताओं से जुड़ाव अधिक था। डिजिटल लेनदेन बढ़ने और व्यापारियों को विज्ञापन देने की आवश्यकता को धन्यवाद। पीवीआर और आईनॉक्स दोनों सिनेमाघर ज्यादा कमाई के लिए आपसी जुड़ाव वाले विज्ञापनों द्वारा लोगों का ध्यान आकर्षित करने और धन जुटाने का इंतजार कर रहे हैं। सितंबर में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की  ब्रह्मास्त्र और ऋतिक रोशन अभिनीत विक्रम वेधा सिनेमाघरों में आएगी। अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में भी बड़ी हिंदी फिल्में रिलीज होने वाली हैं। इनमें अक्षय कुमार अभिनीत राम सेतु, और कंगना रनौत अभिनीत तेजस, अक्टूबर महीने में आ रही है। 

First Published - August 27, 2022 | 12:07 AM IST

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