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BS Manthan 2025: कैपिटल गेन टैक्स विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट को कर रहा कमजोर-Helios Capital के समीर अरोड़ा

समीर अरोड़ा का मानना है कि 2025 की पहली छमाही निवेशकों के लिए 'कैपिटल प्रिजर्वेशन' (धन बचाने) स्ट्रेटेजी पर फोकस करना चाहिए।

Last Updated- February 28, 2025 | 5:28 PM IST
Samir Arora

भारत में निवेश करने वालों, खासकर विदेशी निवेशकों पर कैपिटल गेन टैक्स (Capital Tax Gain) लगाना गलत फैसला है और यह केंद्र सरकार की “सबसे बड़ी गलती” है। यह बात हेलिओस कैपिटल के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर समीर अरोड़ा ने Business Standard Manthan Summit 2025 में कही।

अरोड़ा ने कहा कि कैपिटल गेन टैक्स विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर कर रहा है, जो पिछले पांच महीनों से लगातार भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। सिर्फ बीते कुछ महीनों में ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के भारतीय शेयर बेच दिए है।

अरोड़ा ने कहा, ”सरकार की सबसे बड़ी गलती, जिसने निवेशकों की धारणा को खराब किया, वह है भारत में कैपिटल गेन टैक्स। खासतौर पर विदेशी निवेशकों के लिए यह पूरी तरह गलत नीति है।”

कैपिटल गेन टैक्स से विदेशी निवेशकों को नुकसान

उन्होंने कहा कि दुनियाभर के सबसे बड़े निवेशक – फॉरेन सॉवरेन फंड्स, पेंशन फंड्स, यूनिवर्सिटीज और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) हैं। सरकार इन निवेशकों पर टैक्स लगाकर बड़ी गलती कर रही है। खासकर तब जब उन्हें अपने देश में टैक्स सेट-ऑफ (छूट) नहीं मिलती और उन्हें विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) से जुड़े जोखिम का सामना करना पड़ता है।

समीर अरोड़ा ने बताया कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में कैपिटल गेन टैक्स से लगभग 10-11 अरब डॉलर जुटाए थे। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को बाजारों और विदेशी निवेशकों का सम्मान करते हुए इस टैक्स को हटा देना चाहिए। समीर पिछले तीन दशकों से बाजारों में निवेश कर रहे हैं।

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बाजार की गिरावट और फंडामेंटल्स

फंडामेंटल्स पर बात करते हुए अरोड़ा ने कहा कि भारत में कमोडिटी सेक्टर को छोड़कर कंपनियों की कमाई की वृद्धि दर लगभग 13% है। यह बाजार की उम्मीदों के मुकाबले उतनी खराब नहीं है। उन्होंने कहा कि हालिया बाजार गिरावट सिर्फ कॉरपोरेट कमाई पर प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि वैश्विक और घरेलू कारकों का मिलाजुला असर है।

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युवा निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

अरोड़ा का मानना है कि बाजार में गिरावट के बावजूद नए निवेशकों के लिए यह सही समय है। उन्होंने कहा, ”जो युवा निवेशक अभी निवेश की शुरुआत कर रहे हैं, उनके लिए यह अच्छा मौका है। शुरुआती दौर में उन्हें सस्ता बाजार मिलना चाहिए ताकि वे ज्यादा शेयर खरीद सकें और लंबे समय तक निवेश बनाए रख सकें।”

उन्होंने कहा की दूसरी तरफ जो लोग रिटायरमेंट के करीब हैं और अपना निवेश निकालना चाहते थे, उन्हें नुकसान हुआ है। उनके पोर्टफोलियो का वैल्यू गिर गया है।

बाजार में कब रुकेगी गिरावट?

बाजार में गिरावट कब रुकेगी, इस पर अरोड़ा ने कहा कि यह आठ-नौ महीनों के भीतर निचले स्तर पर पहुंच सकता है और फिर तीन-चार महीने के संभावित कंसोलिडेशन (स्थिरता) के बाद रिकवरी आ सकती है।

उन्होंने कहा, “हम एक अनिश्चितता के दौर में हैं, लेकिन इसका अंत नजदीक है। अगले कुछ महीनों में कई चीजें स्पष्ट होंगी। अप्रैल-मई तक बाजार में गिरावट को आठ महीने हो जाएंगे, जो पहले देखी गई करेक्शन की अवधि के बराबर होगा। तब तक अमेरिका में ट्रंप से जुड़े टैरिफ फैसले और कॉरपोरेट कमाई की स्थिति भी साफ हो जाएगी।”

‘कैपिटल प्रिजर्वेशन’ स्ट्रेटेजी पर करें फोकस

समीर अरोड़ा का मानना है कि 2025 की पहली छमाही निवेशकों के लिए ‘कैपिटल प्रिजर्वेशन’ (धन बचाने) स्ट्रेटेजी पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा, “शॉपिंग बास्केट को मैंने अनिश्चित समय के लिए रोक दिया है। मैं निवेश करना चाहता हूं, लेकिन अभी नहीं, क्योंकि बहुत ज्यादा अनिश्चितता है।”

प्रमुख निवेश रणनीतियां

उन्होंने हाल के समय ने अपने सबसे अच्छे दांव के सवाल के जवाब में कहा कि पिछले 12-18 महीनों में उनकी सबसे बड़ी निवेश सफलता Zomato में निवेश रहा। वही, सबसे बड़ी चूक पर उन्होंने कहा कि महंगे शेयरों को शॉर्ट नहीं करना सबसे बड़ी गलती रही।

अगले कुछ महीनों पर अरोड़ा की क्या राय

अरोड़ा ने मजाकिया अंदाज में कहा कि “अगले कुछ महीनों में निवेशकों को डोनल्ड ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बाजार और क्रिकेट (इसी क्रम में) पर ध्यान देना चाहिए।”

First Published - February 28, 2025 | 5:28 PM IST

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