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नए साल में टीकों की बढ़ेगी मांग

Last Updated- December 11, 2022 | 10:35 PM IST

कोविड-19 टीके के साथ-साथ बूस्टर टीके की वैश्विक मांग बढऩे से 2022 में देश के टीका उद्योग में अच्छी वृद्धि की संभावना बनेगी। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। इसके अलावा नई पीढ़ी के टीके पर भी काम शुरू हो गया है। वैश्विक स्तर पर कोविड 19 के टीके लगाने वालों की तादाद महज 48 प्रतिशत है। आवरवल्र्डइन डेटा डॉट ओआरजी के मुताबिक अफ्रीकी देशों में मसलन इथियोपिया में केवल 1.24 फीसदी लोगों को ही 23 दिसंबर तक टीके की दोनों खुराक दी गई है।
भारत बायोटेक में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में आबादी का एक ऐसा हिस्सा है जो बीमारी के डर से टीके लगवा ही लेता है। उनका कहना है, ‘इसी तरह आबादी का एक हिस्सा पूरी सक्रियता से टीके लगवा सकता है। लेकिन अगर अब वैश्विक नजरिये के लिहाज से मौके को देखें तब हमारे लिए काफी संभावनाएं हैं। भारत बायोटेक अमेरिका में कोवैक्सीन की मंजूरी के लिए कोशिश कर रहा है। अब तक अमेरिका में एक भी टीके को मंजूरी नहीं मिली है ऐसे में हम इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।’
देश में संक्रमण के मामले में कमी आने की वजह से टीके की मांग में कमी आ गई। अब कोरोनावायरस के बेहद संक्रामक स्वरूप ओमीक्रोन के आने से सरकार अब बुजुर्गों, स्वास्थ्यसेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को तीसरी खुराक देने के लिए टीकाकरण की शुरुआत कर रही है। ऐसे में मुमकिन है कि एक बार फिर से मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा बच्च्चों के टीके की मांग भी बढ़ी है क्योंकि 18 साल उम्र से कम के बच्चों की तादाद करीब 40 करोड़ है। अब तक केवल 15-18 वर्ष की श्रेणी के लिए टीकाकरण की शुरुआत की गई है।
भारत बायोटेक के अधिकारियों का कहना है, ‘अगर देश में संक्रमण के मामले में तेजी नहीं होती तब टीके की मांग में कमी आती है लेकिन कई ऐसे देश हैं जो तीसरे बूस्टर खुराक की बात कर रहे हैं जबकि कुछ देश तो चौथे बूस्टर खुराक की भी बात कर रहे हैं। हालांकि 2021 के मुकाबले मांग कम होगी लेकिन वैश्विक स्तर पर कोविड-19 टीके की मांग बनी रहेगी।’
सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने इस महीने उत्पादन में आधी कटौती कर दी है और अब यह कोविशील्ड के 12-12.5 करोड़ मासिक खुराक के स्तर पर सिमट गई है। कंपनी का कहना है कि उसे 2022 की पहली तिमाही में पूर्ण उत्पादन करने की उम्मीद है।
कंपनी के सूत्रों का कहना है, ‘निर्यात की मांग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। कुछ देशों में कोल्ड चेन को लेकर कुछ लॉजिस्टिक्स से जुड़ी दिक्कतें देखी जा रही हैं। एक बार इन सबका समाधान हो जाए तब निर्यात की रफ्तार तेज हो जाएगी।’ एसआईआई के पुणे संयंत्र में करीब 50 करोड़ खुराक है।
लॉजिस्टिक्स से जुड़े मसले के अलावा कुछ देशों ने भारत से निरंतर आपूर्ति के अभाव में वैकल्पिक टीके का विकल्प चुना है। भारत बायोटेक का कहना है, ‘हमें निर्यात बाजार में कुछ दिक्कतें देखने को मिल रही हैं जहां हम पिछले 8 महीने से आपूर्ति नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में हमें उन बाजारों को अपने दायरे में लाना होगा।’
पैनेसिया बायोटेक अब स्पूतनिक वी जैसे टीके का अनुबंध पर निर्माण कर रही है, ऐसे में उसे उम्मीद है कि 2022 में अनुबंध विनिर्माण बरकरार रहेगा क्योंकि यह नई पीढ़ी के कोविड-19 टीके के लिए भी कारगर होगा।
पैनेसिया बायोटेक के प्रबंध निदेशक राजेश जैन ने कहा, ‘हम टीके पर अपने शोध का काम जारी रखेंगे क्योंकि वायरस का नया स्वरूप आ रहा है। हमें सही टीके को तैयार करने का काम जारी रखना होगा जो बूस्टर खुराक के रूप में कारगर होगा।’
2021 का साल वैश्विक और देश के टीका उद्योग के लिए अहम रहा। एसआईआई वित्त वर्ष 2019-20 में टीके की 1.5 अरब खुराक बना रही थी। अब इसने केवल कोविशील्ड के लिए अपनी क्षमता बढ़ाकर 4 अरब सालाना खुराक कर ली है। वहीं भारत बायोटेक ने इस साल मार्च में कोवैक्सीन बनाना शुरू किया और अब यह एक महीने में टीके की 5.5-6 करोड़ खुराक बना रही है और जल्द ही कोवैक्सीन की 8 करोड़ खुराक प्रतिमाह बनाना शुरू कर देगी।
टीका निर्माताओं के लिए कच्चे माल की आपूर्ति अहम रही। एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने अप्रैल में नोवावैक्स टीके के लिए कच्चे माल की कमी का संकेत दिया था। एसआईआई ने कच्चे माल के लिए वैकल्पिक स्रोत तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। भारत बायोटेक ने कहा कि इसके सभी महत्त्वपूर्ण कच्चे माल भारत से ही लिए जा रहे हैं जिनमें पैकेजिंग तक की सामग्री शामिल है।
इस बीच वेव 2 टीके पर काम शुरू हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनावायरस महामारी के की भविष्य की लहरों के लिए तैयारी शुरू करने की जरूरत है। एक सकारात्मक बात यह है कि कोई भी टीका पूरी तरह से किसी भी स्ट्रेन से बचाव में पूरी तरह से असफल नहीं है। वेलूर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर गगनदीप कांग कहती हैं, ‘इस वक्त दुनिया में कहीं भी कोरोनावायरस का मूल स्ट्रेन चलन में नहीं है।’

इजरायल ने कोविड-19 टीके की चौथी खुराक का परीक्षण शुरू किया
इजरायल ने कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की चौथी खुराक देने का परीक्षण शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यह अपने तरह का पहला अध्ययन है। राजधानी तेल अवीव के बाहरी इलाके में स्थित शिबा मेडिकल सेंटर में 150 चिकित्सा कर्मियों पर परीक्षण की शुरुआत हुई जिन्हें अगस्त में बूस्टर (तीसरी) खुराक लगी थी, उन्हें फाइजर/बायोटेक टीके की चौथी खुराक दी जा रही है। कर्मियों को दी गई अतिरिक्त खुराक की जांच की गई और पाया गया कि उनके शरीर में ऐंटीबॉडी का स्तर कम है। यह परीक्षण ऐसे समय शुरू हुआ है जब इजरायली अधिकारी देश की आबादी को दूसरी बूस्टर (चौथी खुराक) खुराक देने पर विचार कर रहे हैं। शिबा चिकित्सा केंद्र में हृदय प्रतिरोपण विभाग के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जैकब लावी ने कहा, ‘उम्मीद है कि हम साबित कर सकेंगे कि चौथी खुराक वास्तव में ओमीक्रोन से सुरक्षा मुहैया कराती है और इसकी बहुत जरूरत है।’       भाषा

First Published - December 27, 2021 | 11:06 PM IST

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