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इंडिया @ 75: तिरंगा फहराते हुए इन अहम बातों का ध्यान रखें

Last Updated- December 11, 2022 | 4:40 PM IST

देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर भारत सरकार ने हर घर तिरंगा पहल शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी नागरिकों से कहा है कि वे अपने घरों में 13 से 15 अगस्त के बीच तिरंगा फहराकर इस उत्सव में भागीदारी सुनिश्चित करे। यह पहल तिरंगे से देशवासियों का लगाव बढ़ाने के लिए भी की गई है।
हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत 22 जुलाई 2022 से की गई। इस पहल की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से 75 साल पहले आज के ही दिन देश ने तिरंगे झंडे को अपनाया था। आज हम उन सभी देश प्रेमियों के उत्साह और प्रयास को याद कर रहे हैं जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए आजाद भारत का सपना देखा था। हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके सपनों और आदर्शों का भारत बनाए।
हालांकि मोदी सरकार को राष्ट्रीय ध्वज संहिता-2002 में संशोधन करने के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। इस ध्वज संहिता में तिरंगे को फहराने, कही लगाने और इसके सम्मानजनक प्रयोग के नियम दिए गए है। इसमें सभी संस्थानों को लेकर भी ध्वज फहराने के निर्देश दिए गए है।
जैसा कि देश हर घर तिरंगा अभियान को उत्साहपूर्वक मना रहा हैं। ऐसे में तिरंगे और ध्वज संहिता को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर बिजनेस स्टैंडर्ड देने का प्रयास कर रहा है।
तिरंगे को किस कपड़े से बना सकते है?
30 दिसंबर 2021 को संशोधित राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार पॉलिएस्टर से बने झंडो की भी अनुमति है। अब राष्ट्रीय ध्वज को पालिएस्टर, कॉटन, ऊन, रेशम और खादी से बनाया जा सकता है। इसको हाथ या मशीन दोनो तरह से बनाने की अनुमति है।
राष्ट्रीय ध्वज को कहां फहराया जा सकता है?
राष्ट्रीय ध्वज को गरिमा और सम्मान के साथ व्यक्ति, संगठन और शैक्षणिक संस्थानों को फहराने की अनुमति है। वह सभी दिनों या उत्सवों के समय नियमों के अनुसार तिरंगा फहरा सकते है।
किस दिन और किस समय तिरंगा झंडा फहराया जा सकता है?
20 जुलाई 2022 के संशोधन से पहले तिरंगे को केवल दिन में फहराने की अनुमति थी। लेकिन संशोधन के बाद इसे किसी भी समय फहराया जा सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज का सही साइज और अनुपात क्या है?
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी साइज का हो सकता है लेकिन हमेशा आयताकार रूप में लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज कैसे किसी जगह पर लगा सकते है?

1. राष्ट्रीय ध्वज को सही से दिखने वाले स्थान पर सम्मानजनक तरीके से लगाया जाना चाहिए।
2. झंडे का केसरिया रंग हमेशा सबसे ऊपर दिखना चाहिए। झंडे को कभी भी उल्टा नहीं लगाना चाहिए।
3. फटा हुआ और गन्दा झंडा कभी भी नहीं लगाया जाना चाहिए।
4. झंडे का प्रयोग किसी भी रूप में सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
क्या कोई व्यक्ति अपने वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज लगा सकता है?
केवल महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ही अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अधिकार है। इसमे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, भारतीय मिशनों के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, भारत के राज्य मंत्री , केंद्र में उपमंत्री, किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, , लोकसभा उपाध्यक्ष, राज्यसभा उपाध्यक्ष, राज्य विधान परिषदों के अध्यक्ष, , राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष आदि शामिल है।
राष्ट्रीय ध्वज के खराब होने पर क्या करना चाहिए?
राष्ट्रीय ध्वज के खराब होने पर उसका सम्मानजनक तरीके से निपटान करना चाहिए। कागज के झंडे को इसकी गरिमा के विपरीत इधर- उधर नहीं फेका जाना चाहिए।
हमें राष्ट्रीय ध्वज के अपमान से किस प्रकार बचना चाहिए?राष्ट्रीय ध्वज संहिता के नियमों का पालन करके इससे बचा जा सकता है। झंडे पर कुछ भी लिखना नहीं चाहिए। यदि ध्वज किसी सार्वजनिक संस्थान पर फहराया जाता है, तो उसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाना चाहिए। मौसम के अनुसार इसमें परिवर्तन कर सकते है। झंडा फहराते समय हमेशा तेजी दिखानी चाहिए जबकि झंडा धीरे- धीरे उतारा जाना चाहिए।

First Published - August 11, 2022 | 2:16 PM IST

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