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सिनेमा में भी खलनायक बना कोविड, कई फिल्मों की रिलीज टली

Last Updated- December 12, 2022 | 5:43 AM IST

महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय लॉकडाउन ने अप्रैल में फिल्म प्रदर्शन के घरेलू कारोबार को नुकसान पहुंचाया है, जो गर्मी की छुट्टियों के सत्र में एक महत्त्वपूर्ण अवधि होती है। कंगना रनौत और अक्षय कुमार की बड़े बजट वाली फिल्मों-थलाइवी और सूर्यवंशी के निर्माता उन पांच अन्य फिल्म निर्माताओं में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इस महीने रजत पटल को स्याह छोड़ते हुए अप्रैल में फिल्म रिलीज स्थगित कर दी है।
हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के संयोजन के कारण जनवरी-मार्च की अवधि में टिकट बिक्री के लिहाज से तकरीबन 20 से 25 प्रतिशत की सुधार दर देखने वाले मल्टीप्लेक्स संचालक अप्रैल में इस आंकड़े के दोगुना होने की उम्मीद कर रहे थे, क्योंकि निर्माताओं ने इस अवधि में अपनी बड़ी फिल्मों की रिलीज के लिए तैयारी शुरू कर दी थी।
इनमें से कई निर्माता अब नई फिल्मों की वापसी के लिए मध्य मई में ईद पर भरोसा जता रहे हैं, जिसमें सलमान खान के अभिनय वाली बहुप्रतीक्षित फिल्म राधे भी शामिल है। फिल्म उद्योग के सूत्रों का कहना है कि अगर मई में कोविड-19 के हालात भयानक बने रहते हैं, तो राधे को जुलाई में बकरीद पर लाया जा सकता है। गुरुवार को भारत में कोरोनावायरस के दो लाख से अधिक दैनिक मामले आए थे, हालांकि आने वाले सप्ताहों में यह संख्या घट सकती है, क्योंकि गैर-जरूरी आवाजाही को सीमित किया जा रहा है।
सिनेपोलिस इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी देवांग संपत का कहना है ‘काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कोविड का परिदृश्य कैसा रहता है।’ वह कहते हैं ‘हमें इस बात की उम्मीद है कि मई तक मामलों का चरम खत्म हो जाना चाहिए, तब महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सिनेमाघरों को फिर से खोले जाने का वक्त होगा। उम्मीद है कि तब तक शायद अन्य राज्य भी अपनी लॉकडाउन की पाबंदियों को कम कर सकते हैं।’
जहां एक ओर महाराष्ट्र 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले 15-दिवसीय लॉकडाउन के बीच में है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली ने कोरोनावायरस संक्रमण की शृंखला तोडऩे के लिए और अधिक पाबंदियों के अलावा गुरुवार को एक सप्ताहांत कफ्र्यू की घोषणा की है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत उत्तर के अन्य हिस्सों में पहले ही वायरस का संक्रमण रोकने के लिए कड़े उपायों की घोषणा की जा चुकी है।
इनमें से अधिकांश राज्यों में सिनेमाघरों में बैठने की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत या इससे कम कर दिया गया है। उदाहरण के लिए दिल्ली में सप्ताह के दौरान सिनेमाघारों में अधिकतम 30 प्रतिशत दर्शक जा सकते हैं और सप्ताहांत में वे बंद रहेंगे। महाराष्ट्र ने इस महीने अपने 15 दिन के लॉकडाउन के दौरान सिनेमाघरों को बंद रखने का विकल्प चुना है।
इलारा कैपिटल के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) करण तौरानी कहते हैं ‘इस सबसे निकट भविष्य में फिल्म प्रदर्शन कारोबार सीमित हो जाएगा।’ उनका कहना है ‘स्पिलओवर असर भी दिखाई देने लगा है। वायरस का संक्रमण रोकने के लिए केरल ने भी सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम करके 30 प्रतिशत कर दी है। आने वाले सप्ताहों में कुछ अन्य राज्य भी सूची में शामिल हो सकते हैं।’
कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी कोविड-19 के मामलों में उछाल दिख रही है, जिसने राज्य सरकारों को अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया है।
कार्निवल सिनेमा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (परिचालन) कुणाल साहनी कहते हैं कि लोगों के आने और टिकट बिक्री के लिहाज से जनवरी से ही दक्षिणी बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। वे कहते हैं ‘उदाहरण के लिए फिल्म पिंक की तेलुगू रिमेक, जो पिछले सप्ताह रिलीज हुई थी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अब तक 70 करोड़ रुपये का संग्रह पार कर चुकी है। तमिल, मलयालम और कन्नड़ भाषा की फिल्मों के लिए भी यह रुख अलग नहीं रहा है। लेकिन अगर पाबंदियां बढ़ती हैं, तो कारोबार को नुकसान हो सकता है।’

First Published - April 19, 2021 | 11:27 PM IST

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