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दफ्तर और घर का मिला-जुला मॉडल

Last Updated- December 11, 2022 | 8:54 PM IST

कोविड-19 संक्रमण की दर में तेज गिरावट से वर्क फ्रॉम होम को अपना रहीं कंपनियां कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने की तैयारी कर रही हैं। आईटी और स्टार्टअप जैसे क्षेत्र दफ्तर और वर्क फ्रॉम होम के मिले-जुले मॉडल को तरजीह दे रहे हैं मगर अंतर साफ पता चल रह है कि कौन से क्षेत्रों की कंपनियां 100 फीसदी कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने का पुराना मॉडल पसंद कर रही हैं और कौन से क्षेत्र मिश्रित मॉडल चाह रहे हैं।
कंपनियां पिछले दो साल से कुछ कर्मचारियों से कार्यालय से और कुछ के घर से काम करने की बात कर रही हैं। कहां से काम करना है, इसकी सख्त नीति हटाने की बात भी चल रही थी। मगर कोविड के मामले घटने के बाद कई कंपनियां कर्मचारियों को दफ्तर बुला रही हैं और बड़े पैमाने पर काम दफ्तर से ही होने लगा है।
इस साल जनवरी में ओमीक्रोन के मामले बढऩे के बाद जेएसडब्ल्यू समूह में 50 फीसदी कर्मचारी कार्यालय से और शेष 50 फीसदी घर से काम करने लगे थे। लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह से इसके सभी कर्मचारी दफ्तर लौट आए हैं। जेएसडब्ल्यू के एक सूत्र ने कहा, ‘हम मार्च 2020 की तरह काम करने लगे हैं।’
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया फरवरी के आखिर तक अपने संयंत्रों और कॉरपोरेट कार्यालयों को 30 फीसदी क्षमता पर चला रही थी। लेकिन इसने 1 मार्च से 100 फीसदी कर्मचारी कारखानों और दफ्तरों में आने लगे हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘सब कुछ सामान्य हो गया है।’
कारोबारी यात्राएं भी सामान्य हो गई हैं। पहले बहुत जरूरी होने पर ही यात्राओं को मंजूरी दी जा रही थी और उसके लिए भी विभाग अध्यक्ष की खास मंजूरी चाहिए थी।
आईटीसी ने भी मार्च से अपने सभी दफ्तरों में उपस्थिति बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी है। पहले यह 30 फीसदी तक सीमित थी। दवा उद्योग में भी स्थिति ऐसी ही है। ज्यादातर कंपनियों में अब सामान्य से रूप से कार्यालयों में काम होने लगा है। इन्होंने तीसरी लहर के दौरान जनवरी में थोड़े समय के लिए वर्क फ्रॉम होम को मंजूरी दी थी। टॉरंट समूह के कार्यकारी निदेशक जयेश देसाई ने कहा कि उन्होंने पिछले साल जून से धीरे-धीरे अपने कर्मचारियों को सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कार्यालय से काम करना शुरू करने को कह दिया था।
देसाई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘जनवरी में ओमीक्रोन की लहर आने पर हमने दो सप्ताह के लिए वर्क फ्रॉम होम शुरू किया था। हमने भी पाया है कि कर्मचारी भी कार्यालय से काम करने को तरजीह देते हैं क्योंकि इसमें काम और व्यक्तिगत समय अलग-अलग हो जाता है और काम तेजी से होता है।’    
उन्होंने कहा, ‘वर्क फ्रॉम होम उन कर्मचारियों के लिए ही संभव है, जो कॉरपोरेट कार्यालयों में काम करते हैं।’
उन्होंने महामारी से आए बदलावों पर कहा, ‘पहले हम एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करते थे। अब हम भारत के भीतर या बाहर विभिन्न जगहों के बीच वर्चुअल बैठक पसंद करते हैं। यात्रा बहुत जरूरी होने पर ही की जाती है।’ इसी तरह बाजार के आकार के लिहाज से देेश की सबसे बड़ी दवा कंपनी सन फार्मास्यूटिकल्स ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय में लौट आने को कहा है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि अगर कर्मचारी कोविड संक्रमित है या जिसके घर में कोई सदस्य कोविड संक्रमित है, उसे घर से काम करना होता है। देश का वाहन क्षेत्र कम के कम कुछ दिनों के लिए कर्मचारियों को दफ्तर बुला रहा है। एक कर्मचारी ने बताया कि टाटा मोटर्स के कॉरपोरेट कार्यालय में कर्मचारी हर सप्ताह दो से तीन दिन आ रहे हैं। महिंद्रा समूह में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कंपनी ने कर्मचारियों पर छोड़ रखा है कि वे घर से काम करना चाहते हैं या दफ्तर से। लार्सन ऐंड टुब्रो पिछले दो तीन महीनों से पूर्ण टीकाकृत कर्मचारियों को कार्यालय से काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जिन लोगों को कोई स्वास्थ्य दिक्कतें हैं, उन्हें घर से काम करने की मंजूरी दी जा रही है।
भारतीय आईटी सेवा एवं स्टार्टअप कंपनियां भी कर्मचारियों को दफ्तर बुला रही हैं मगर लचीले कार्यस्थल और कहीं से भी काम करने का विकल्प भी दिया जा रहा है। गूगल ने वैश्विक स्तर पर अपने कर्मचारियों से 4 अप्रैल से हर सप्ताह में तीन दिन कार्यालय आने को कहा है, लेकिन भारत में अब भी दफ्तर आना स्वैच्छिक है।
आईटी क्षेत्र की कंपनियां वरिष्ठ प्रबंधकों और प्रमुखों को सप्ताह में तीन चार दिन व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में उपस्थित होने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इन्फोसिस ने कहा कि हालांकि उसके 96 फीसदी कर्मचारी अन्य जगहों से काम कर रहे हैं, लेकिन कंपनी अगले 3-4 महीनों के दौरान कार्यालय आने वाले लोगों की तादाद बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है।
इन्फोसिस कार्याधिकारी उपाध्यक्ष, प्रमुख (मानव संसाधन) रिचर्ड लोबो ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भविष्य मिश्रित होगा, जिसमें कुछ कर्मचारी रोजाना दफ्तर आएंगे, कुछ पूरी तरह दूर बैठकर काम करेंगे और शेष इन दोनों मॉडलों का मिलजुला रूप अपनाएंगे। हमारा मानना है कि यह हमारी कारोबारी जरूरतों के बिल्कुल उपयुक्त होगा। इससे हम अपने मौजूदा कर्मचारियों को काम के लचीले विकल्प मुहैया करा पाएंगे और नए कर्मचारियों को लुभा पाएंगे।’
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने पहले 25/25 मॉडल की घोषणा की थी जिसमें किसी भी समय 25 फीसदी से अधिक कर्मचारियों को कार्यालय से काम नहीं करना पड़ेगा और उन्हें अपना 25 फीसदी से अधिक समय कार्यालय में खर्च नहीं करना होगा।
अहमदाबाद की इन्फीबीम एवेन्यूज लिमिटेड में तकनीकी टीम अब भी घर से काम कर रही है, लेकिन सपोर्ट एवं बिक्री जैसी अन्य टीम कोविड नियमों का पालन करते हुए कार्यालय से काम कर रही हैं। कंपनी की मानव संसाधन प्रमुख रम्या मूर्ति ने कहा, ‘हम अभी हालात की समीक्षा कर रहे हैं।’
दूसरी तरफ नए जमाने की स्टार्टअप लोगों का काम करने का तरीका बदलना चाहती हैं। खाद्य तकनीक कंपनी स्विगी का ही उदाहरण लें, जो काम का लचीला मॉडल अपना रही है। स्विगी के मानव संसाधन प्रमुख गिरीश मेनन ने कहा, ‘हमने आंतरिक सर्वेक्षण के नतीजों का इस्तेमाल कर एक कार्य नीति बनाई है, जो कर्मचारियों को बेहतर करियर के लिए लचीलापन मुहैया कराती है। पिछले दो साल के दौरान बहुत से कर्मचारियों ने पूरी तरह दूर से ही काम करने का विकल्प चुना है। अगर टीम के समीकरणों और कारोबारी लक्ष्यों पर कोई असर नहीं पड़ा तो हम इन आग्रहों को जारी रखने पर विचार कर सकते हैं। इसका यह भी मतलब है कि वैश्विक प्रतिभाओं के लिए दरवाजे खुल गए हैं।’

First Published - March 6, 2022 | 11:23 PM IST

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