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रेस्तरां खुले लेकिन नहीं लौटी रौनक

Last Updated- December 15, 2022 | 7:59 PM IST

जब 75 दिनों के लॉकडाउन के बाद सोमवार को दि ओबरॉय ग्रैंड का दि ग्रैंड डेम ऑफ चौरंगी रेस्तरां खुला तो वहां दो चेक-इन किए गए और 9 लोगों ने जगह बुक कराई। लेकिन ओबेरॉय ग्रैंड के महाप्रबंधक सुमित जोशी ने कहा, ‘यह उत्साहजनक था, भले ही होटल ने रोजाना आने वाले 1,000 लोगों की तुलना में एक सप्ताह में 100 मेहमानों के आने की उम्मीद की थी।’ यहां काफी साफ-सफाई का ध्यान रखा गया था और लोगों के बीच दूरी बनाए रखने के लिए रेस्तरां में बैठने की व्यवस्था में बदलाव किया गया था। इसके अलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले मेन्यू का भी इंतजाम किया गया है।  लेकिन प्रोटोकॉल का पालन करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के उपायों के बावजूद होटल ने एक धीमी शुरुआत की। बेंगलूरु में ब्रिगेड गेटवे में 230 कमरे वाले शेरेटन ग्रैंड में सात चेक-इन किए गए और ब्रिगेड हॉस्पिटैलिटी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विनीत वर्मा का कहना है कि वे इस साल इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं कर रहे हैं। वर्मा कहते हैं, ‘जब तक घरेलू यात्रा और विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा वास्तव में शुरू नहीं हो जाती तब तक हम इसमें कोई तेजी नहीं दिखेगी। दूसरी चुनौती फिलहाल हमारे लिए खाद्य और पेय पदार्थों के मोर्चे पर है क्योंकि रात 9 बजे से कफ्र्यू लगता है जिसकी वजह से डिनर का वक्त ही खत्म हो जाता है।’
बेंगलूरु में आईटीसी गार्डेनिया ने बताया कि उससे सेफ स्टेकेशन पैकेज को लेकर कई तरह की पूछताछ की गई है। होटल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘कई मेहमान शहर के ही होटल में रहना चाहते हैं।’ अहमदाबाद में शहर के कई हिस्सों में भारी बारिश और जलभराव की समस्या है जिसकी वजह से मैरियट और हयात जैसे होटलों में लोग नाममात्र ही आए। पहले दिन नए मेहमानों का आगमन या हैदराबाद के लक्जरी होटलों में कमरों की ऑन लाइन बुकिंग में कोई खासी पहल नहीं दिखी। हैदराबाद के एक लक्जरी होटल्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने कहा, ‘हमें सप्ताहांत में लोगों के ज्यादा आने की उम्मीद है।’
कोलकाता में सोमवार को लॉकडाउन के बाद फिर से शुरू होने वाले रेस्तरां की स्थिति अच्छी दिखी हालांकि पार्क स्ट्रीट में पार्किंग स्लॉट खाली ही रहे। इन रेस्तरां का कहना है कि यहां के रेस्तरां वाले इलाके में कारोबार सामान्य नहीं रहा। यहां का मशहूर टीरूम फ्लरीज में ब्रेकफास्ट के वक्त कुछ लोग जरूर दिखे लेकिन यहां भी सामान्य चहल-पहल नहीं थी। यहां जब पीटर कैट रेस्तरां खुला तो खुलने के पहले 20 मिनट में ही छह लोग गए जबकि बाकी के अगले एक घंटे में यहां छह सदस्यों वाले एक परिवार सहित 18 लोग यहां आए। हालांकि यहां हमेशा दिखने वाली भीड़ नहीं है और खाना खाने आने वाले काफी राहत भी महसूस कर रहे थे भले ही उन्होंने मास्क पहना था और कभी-कभार उन्हें बैग से सैनिटाइजर निकाल कर हाथ भी साफ करना पड़ रहा था। रेस्तरां में प्रोटोकॉल की निगरानी करने के लिए मौजूद रेस्तरां मालिक सिद्धार्थ कोठारी  कहते हैं कि आने वाले दिनों में लोग ही एक-दूसरे को अपने अनुभव बताएंगे तभी लोगों की तादाद बढ़ेगी। बेंगलूरु में सोडाबॉटलओपनरवाला, मामागोटू और स्लाई ग्रैनी जैसे कई शीर्ष रेस्तरां ने दुकान खोलने से परहेज किया। लेकिन कई जगहों पर रेस्तरां खोले जाने को लेकर काफी पूछताछ की गई और दोपहर के भोजन के वक्त लोग भी नजर आए। एशियाई रेस्तरां मिसु जो अपने सुशी और डिमसम्स के लिए मशहूर है वहां दोपहर के भोजन वक्त चार जोड़े नजर आए और 12 लोगों का एक समूह जन्मदिन मनाने के लिए वहां जुटा था क्योंकि रेस्तरां बंद करने का समय रात 9 बजे तय किया गया है।
मिसु का स्वामित्व रखने वाली कंपनी एए हॉस्पिटैलिटी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि मेहमान आराम महसूस करें और भोजन पर ध्यान दें। हम अपने मेहमानों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं।’ रेस्तरां मसलन उरू ब्रुअरी में लंच के वक्त लोग नहीं दिखे लेकिन जल्दी डिनर के लिए लोगों ने जानकारी जरूर ली। कैफे चेन चायोस जिसने डाइन-इन सेवाएं भी शुरू की हैं वहां लगभग दो-तिहाई मेहमानों ने अपना ऑर्डर देने के लिए ऐप का इस्तेमाल किया। चायोस के सहसंस्थापक राघव वर्मा ने कहा, ‘सुबह से हम लोगों के आने का उत्साहजनक रुझान देख रहे हैं। हम कारोबार को रफ्तार देने के लिए अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि हर कोई अपने सामान्य जीवन में लौटने की कोशिश कर रहा है।’ मॉल में फूड बिजनेस का माहौल काफी निराशाजनक था। दक्षिणी दिल्ली के सेलेक्ट सिटीवॉक मॉल की तीसरी मंजिल पर फूड कोर्ट काफी सुनसान सा दिखा और केवल छोटे आउटलेट ही खुले थे।
केएफसी से लेकर कैवेंटर्स और बीयर कैफे के कॉमन सीटिंग एरिया जहां भीड़ होती थी उसे बंद कर दिया गया था। होटल सर्वना भवन जैसे छोटे ब्रांड जो दिल्ली में दक्षिण भारतीय व्यंजनों की मशहूर शाखा है वह खुला था। सामान्य दिनों के मुकाबले केवल एक ही जोड़े को डोसा का लुत्फ उठाते हुए देखा गया। एक जूस पार्लर, रिफ्यूल में पांच लोगों का एक समूह आया था जिसे ताजे कटे फल और शेक दिए गए थे। फूड कोर्ट में टैको बेल आउटलेट्स पर करीब आधा दर्जन कर्मचारी सफाई करने और काम जारी रखने में व्यस्त थे। उनका कहना है कि काम शुरू करने के बारे में अंतिम निर्देश अभी आना है लेकिन उन्हें जल्द ही कभी भी दुकान खोलने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
(साथ में विनय उमरजी और दशरथ रेड्डी)

First Published - June 8, 2020 | 10:46 PM IST

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