इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की सबसे बड़ी घटना सामने आई है। नासिक स्थित कंपनी जितेंद्र ईवी टेक के करीब 20 इलेक्ट्रिक दोपहिया स्कूरों में उस वक्त आग लग गई जब उन्हें संयंत्र से कंटेनर में ले जाया जा रहा था।
कंपनी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा है कि उसने मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारी फैक्टरी के गेट के नजदीक 9 अप्रैल को भी एक स्कूटर में आग लग गई थी। तब हमारी टीम के समय पर हस्तक्षेप की वजह से हालात पर तुरंत नियंत्रण पा लिया गया था। सुरक्षा महत्वपूर्ण है, इसलिए हम समस्या की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही निष्कर्ष निकालने में कामयाब रहेंगे।’
यह हादसा उन घटनाओं की कड़ी में नया मामला है, जिनमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने से उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। इस तरह की घटनाएं बार बार होने से सरकार ने भी जांच शुरू कराने में गंभीरता दिखाई है। गर्मियां शुरू होने के बाद से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने का यह छठा हादसा है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जितेंद्र ईवी में हुए इस घटनाक्रम से अवगत कराया गया है और कंपनी के अधिकारियों को जल्द ही इस बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा जाएगा। सड़क मंत्री पहले ही ओला ईवी और ओकीनावा के वरिष्ठ अधिकारियों को इन समस्याओं पर व्यापक रिपोर्ट देने का निर्देश दे चुके हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 31 मार्च को ईवी में आग के मामलों के बारे में लोक सभा में बोलते हुए कहा था कि ये घटनाएं ज्यादा तापमान की वजह से भी हो सकती हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्टों का इंतजार किया जा रहा है, जिससे कि अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचा जा सके।
गडकरी ने कहा, ‘यह एक बेहद गंभीर समस्या है और हमने प्रत्येक घटना की फॉरेंसिक जांच के आदेश दे दिए हैं।’ सरकार इस घटना के पीछे तकनीकी कारण का पता चलने के बाद उचित कदम उठाएगी। सरकार द्वारा नियुक्त टीम वेल्लोर, पुणे और त्रिची में घटनास्थलों का दौरा कर जांच करेगी।