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अशोक लीलैंड को एलसीवी दांव का मिल रहा फायदा

Last Updated- December 12, 2022 | 5:32 AM IST

करीब एक दशक पहले जब अशोक लीलैंड ने हल्के वाणिज्यिक वाहन बाजार में उतरने के लिए निसान के साथ साझेदारी की थी तो उसे संदेह की नजर से देखा गया था। कंपनी ने मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणियों में उतार-चढ़ाव के जोखिम से खुद को बचाने की रणनीति के लिए यह पहल की थी।
हिंदुजा समूह की कंपनी को हल्के वाणिज्यिक बाजार में टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी दमदार प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करना था। लेकिन कंपनी ने उस चुनौती को स्वीकार किया और अपने 3.5 टन के छोटे वाणिज्यिक वाहन दोस्त के साथ बाजार में 2011 में दस्तक दी थी। दूरदराज की कनेक्टीविटी श्रेणी में दोस्त के दमदार प्रदर्शन से उत्साहित होकर एक दशक बाद एलसीवी श्रेणी में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कंपनी ने नए कलेवर में एक अन्य मॉडल बड़ा दोस्त को बाजार में उतारा। संयोग से एलसीवी श्रेणी में कंपनी का दूसरा दांव भी सफल रहा।
अपनी नई पेशकश के बल पर एलसीवी श्रेणी में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 20.2 फीसदी हो गई जो वित्त वर्ष 2020 में 18.1 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 2021 के दौरान एलसीवी श्रेणी में उद्योग की कुल बिक्री 17.1 फीसदी घटकर 4,08,000 वाहन रह गई जो वित्त वर्ष 2020 में 4,93,000 वाहनों की रही थी।
अशोक लीलैंड के मुख्य परिचालन अधिकारी नितिन सेठ ने कहा, ‘हमने ई-कॉमर्स और एफएमसीजी की खपत में तेजी के साथ वृद्धि की है।’ वैश्विक महामारी के मद्देनजर लोग अपने घरों के भीतर रहने गले और आवश्यक वस्तुओं के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों पर उनकी निर्भरता बढऩे लगी। ई-कॉमर्स कंपनियां दैनिक खपत वाली वस्तुओं से लेकर किराना और होम अप्लायंसेज तक सभी वस्तुओं की आपूर्ति उपभोक्ताओं के दरवाजे तक करने लगीं। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों तक डिलिवरी करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से एलसीवी की मांग बढऩे लगी।

First Published - April 23, 2021 | 11:55 PM IST

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