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वाहन जीएसटी दर पर भार्गव और श्रीनिवासन ने सरकार से जताई असहमति

Last Updated- December 12, 2022 | 1:35 AM IST

वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर पर उद्योग जगत ने आज खुलकर आपत्ति जताई। इससे कारों और दोपहिया से जीएसटी घटाने की बात पर सरकार और वाहन उद्योग के बीच असहमति खुलकर सामने आ गई।
मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव और टीवीएस मोटर के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने राजस्व सचिव तरुण बजाज की मौजूदगी में इस क्षेत्र की मदद के सरकार के इरादे पर सवाल उठाया। देसी वाहन उद्योग के दोनों स्तंभों ने कर घटाने की मांग करते हुए पूछा कि नीति निर्माता भारत की वृद्धि में वाहन उद्योग का योगदान मानते भी हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कारों को अब भी लक्जरी माना जाता है, जिन्हें अमीर लोग ही खरीद सकते हैं। भार्गव ने कहा, ‘वाहन उद्योग की अहमियत के बारे में बहुत से बयान दिए गए। लेकिन गिरावट के रुझान को रोकने वाले ठोस कदम मुझे जमीनी स्तर पर नजर नहीं आए।’ 

यह बजाज पर सीधा तंज था, जो राजस्व विभाग के प्रमुख के रूप में केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों को नियंत्रित करते हैं। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में हुई कुल वाहन बिक्री के हिसाब से उद्योग छह साल पीछे चला गया है। वित्त वर्ष 2021 में यात्री वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2016 के बाद सबसे कम और दोपहिया की वित्त वर्ष 2015 से सबसे कम कम रही। सायम ने आरोप लगाया कि इसकी मुख्य वजह जीएसटी की ऊंची दर और पथकर में बढ़ोतरी हैं।
वेणु श्रीनिवासन ने भी भार्गव की बात से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि भारत का दोपहिया उद्योग विश्व में सबसे बड़ा है, जो अर्थव्यवस्था की मदद कर रहा है। इसे बुनियादी जरूरत समझा जाता है, लेकिन इस पर जीएसटी की दरें लक्जरी कारों के बराबर हैं। उन्होंने कहा, ‘मोपेड की कीमत 45 से 50 फीसदी बढ़ गई है। दोपहिया पर जीएसटी लक्जरी उत्पादों के बराबर है। क्या पर्यावरण, राजस्व और विदेशी मुद्रा की प्राप्ति में वाहन क्षेत्र के योगदान को स्वीकार किया जा रहा है?’

जब बजाज के बोलने की बारी आई तो उन्होंने उद्योग से सवाल किया कि उद्योग की वृद्घि में ठहराव का कारण वाकई कर ही है? उन्होंने कहा, ‘क्या इसकी वजह 2017-18 में लागू जीएसटी की दरें हैं, जिन्हें आप ज्यादा कह रहे हैं? मैं यह भी समझना चाहता हूं कि जीएसटी आने से पहले वाहन बाजार में कर ढांचा क्या था? क्या कर कम थे? मैं मानता हूं कि दर थोड़ी अधिक हो सकती है।
मगर यह जाने बगैर हम कर नहीं घटा सकते कि वाहनों की बिक्री कटौती के हिसाब से बढ़ेगी या नहीं।’ बजाज ने यह भी कहा कि सभी वाहनों की बिक्री घटने पर भी एसयूवी की बिक्री बढ़ रही है। इस पर भार्गव ने ने कहा कि एसयूवी को वृद्घि का पैमाना मानना सही नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर ग्राहक सस्ती कार खरीदते हैं और सुरक्षा तथा उत्सर्जन के नए मानकों, बीमा एवं पथकर में बढ़ोतरी के कारण उनकी कीमत 45,000 से 50,000 रुपये तक बढ़ गई है, जो खरीदारों के लिए बड़ी रकम है।

First Published - August 26, 2021 | 1:19 AM IST

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