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कल-पुर्जा उद्योग में लौटी रौनक

Last Updated- December 10, 2022 | 6:40 PM IST

ऑटोमोबाइल पाट्र्स बाजार के मायूस चेहरे पर थोड़ी से रौनक लौट आयी है। इस बाजार के कारोबार में पिछले दो महीनों के मुकाबले 10-15 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले बाजार अब भी करीब 20 फीसदी मंदा चल रहा है। इन दिनों फैक्ट्ररियों में काम की रफ्तार बढ़ गयी है और हटाए गए कामगारों को काम पर बुला लिया गया है।
लेकिन ऑटोमोबाइल पाट्र्स के निर्माता व व्यापारी दोनों ही इस तेजी को लेकर आश्वस्त नहीं है। उन्हें कभी भी फिर से दिसंबर-जनवरी की घोर मंदी के शिकार होने की आशंका है। लिहाजा वे माल का स्टॉक करने में पूरी सावधानी बरत रहे हैं।
ऑटोमोबाइल पाट्र्स के निर्माताओं ने बताया कि फिर से उनकी फैक्टरियों में लगातार आठ घंटे मशीन चल रही है। गत फरवरी माह के पहले सप्ताह से काम में तेजी शुरू हुई और गत दिसंबर-जनवरी के मुकाबले मांग में 15 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है।
नोएडा स्थित अपनी फैक्ट्री से सालाना 25 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले ऑटोमोबाइल पाट्र्स निर्माता पीडी शर्मा कहते हैं, ‘वैसे तो मार्च में काम कम ही रहता है लेकिन पिछले दो माह की तुलना में मांग निकल रही है और फर्क साफ नजर आ रहा है। हमारी फैक्ट्री में इन दिनों फिर से पूरा काम हो रहा है। लेकिन आगे भी तेजी बनी रहेगी ऐसा नहीं कह सकते।’
निर्माताओं के मुताबिक यह तेजी मुख्य रूप से दोपहिया वाहनों के पाट्र्स में आयी है। लेकिन वे मांग के हिसाब से ही पाट्र्स का निर्माण कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल पाट्र्स निर्माताओं की बात से थोक कारोबारी भी सहमति जता रहे हैं।
दिल्ली के करोल बाग स्थित स्कूटर पाट्र्स के थोक बाजार संघ के पदाधिकारी अमृत लाल बंसल कहते हैं, ‘पिछले दो महीनों के मुकाबले बिक्री में 10 फीसदी तक की तेजी जरूर आयी है और मार्च के बाद इसमें और तेजी के संकेत हैं।’ उन्होंने बताया कि मोटर बाइक पाट्र्स के बाजार में अपेक्षाकृत ज्यादा सुधार है।
कारोबारियों के मुताबिक कच्चे माल के दामों में गिरावट के कारण ऑटोमोबाइल पाट्र्स की कीमत में भी पिछले महीनों के मुकाबले 10 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। उनका मानना है कि पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 8-9 रुपये की कमी आने से बाजार का रुख सकारात्मक हुआ है।
उत्पाद कर में की गयी 2 फीसदी की कटौती से भी आने वाले समय में इसमें और सुधार की गुंजाइश बन रही है। हालांकि स्कूटर पाट्र्स की निर्यात मांग में कोई सुधार नहीं है। दिल्ली के ऑटोमोबाइल बाजार से आस-पास व खाड़ी के देशों में सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कारोबार किया जाता है। 

First Published - March 3, 2009 | 1:09 PM IST

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