प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एच एस प्रणय को डेनमार्क में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई दी और इस खेल के प्रेमियों के लिए उन्हें एक सच्ची प्रेरणा बताया।
प्रणय ने विश्व चैम्पियनशिप के पुरुष एकल सेमीफाइनल में थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्ण से तीन गेम में हारकर कांस्य पदक से संतोष किया। इससे भारत का 2011 के बाद से विश्व चैम्पियनशिप में एक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम रहा।
हार के बावजूद प्रणय के लिए यह एक शानदार उपलब्धि थी, क्योंकि वह विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बने।
प्रधानमंत्री ने ‘X (पूर्व में ट्विटर)’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘क्या शानदार उपलब्धि है प्रणय। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उनके कौशल और कड़ी मेहनत ने पूरे टूर्नामेंट में चमक बिखेरी है। वह सभी बैडमिंटन प्रेमियों के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं।’
What a brilliant achievement by @PRANNOYHSPRI at BWF World Championships 2023! Congratulations to him on winning the Bronze medal.
His skill and hard work have shone brightly throughout the tournament. He is a true inspiration to all badminton enthusiasts. pic.twitter.com/12NLJSPZdC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2023
चोटों और कई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से जूझते हुए एच एस प्रणय को इस बात का अहसास हुआ कि भारत के लिए पदक जीतने के अपने सपनों को जीवंत बनाये रखने के लिए खुद के शरीर को समझना और विशिष्ट प्रतिद्वंद्वियों के लिए विशेष ट्रेनिंग करना ही अहम होगा।
शनिवार को केरल के इस 31 वर्षीय खिलाड़ी ने डेनमार्क के कोपेनहेगन में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता जिससे वह इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए। यह सत्र उनके लिए शानदार रहा है जिसमें उन्होंने मलेशियाई मास्टर्स खिताब जीता और साथ ही वह आस्ट्रेलियन ओपन में उपविजेता रहे। इसके अलावा वह एक टूर्नामेंट के सेमीफाइनल और तीन प्रतियोगिताओं के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे।
प्रणय ने कोपेनहेगन से रवाना होने से पहले PTI से कहा, ‘यह कोचों के किये गये काम का मिश्रण है। कोर्ट पर गोपी सर (पुलेला गोपीचंद) और गुरु भैया (आरएमवी गुरुसाईदत्त) ने एक बदलाव किया जिसमें उन्होंने उन विशिष्ट खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग और योजना बनायी जिनके खिलाफ मैं खेल सकता हूं। इसलिये देखा जाये तो ट्रेनिंग को इसी तरीके से तैयार किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट के बाहर की बात करें तो मैं पिछले दो-तीन वर्षों से अपने ‘स्ट्रेंथ और अनुकूलन’ कोच रोहन जॉर्ज मैथ्यू से ट्रेनिंग ले रहा हूं। इसलिए अगर देखा जाये तो यह शरीर को समझने की बात है। तभी यह इन सभी चीजों का मिश्रण है जो खेल में सुधार के दौरान दिखायी दिया।’
प्रणय को जब अपनी पाचन संबंधित परेशानी (डाइजेस्टिव रिफ्लैक्स) का पता चला तो उन्होंने अपने आहार के लिए बेंगलुरु की ‘इन्विक्टस हाई परफोरमेंस लैब’ के साथ काम करना शुरु किया। नवंबर 2020 में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद प्रणय ने अपने ग्लूकोस के स्तर पर निगरानी रखनी शुरु की जिसके लिए वह अल्ट्राह्यूमन एम1 पैच की मदद लेते। वह अपनी ट्रेनिंग और ‘रिकवरी’ के लिए अल्ट्राह्यूमन रिंग एआईआर पहनने लगे। उन्होंने कहा, ‘कई वर्षों तक ट्रेनिंग में बदलाव होता रहा। इसमें विभिन्न चीजों को आजमाना अहम होता है कि क्या कारगर हो रहा है। जब आपकी उम्र बढ़ने लगती है तो यह देखना जरूरी होता है कि आप कितना दबाव सहन कर सकते हो और आप चोट के करीब नहीं पहुंच रहे जिससे जब जरूरत हो तो इसमें बदलाव कर दो।’
प्रणय ने कहा, ‘मैं ट्रेनिंग में खुद को ज्यादा दबाव भी दे सकता हूं और अगर मैं अच्छा महसूस नहीं करता तो इसे कम भी करता हूं। यह फैसला कोच की समझदारी से होता है।’ प्रणय ने शुक्रवार को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और गत चैम्पियन विक्टर एक्सेलसेन को पराजित किया था। वह जुलाई में जापान ओपन के दौरान डेनमार्क के नंबर एक खिलाड़ी को हराने के करीब भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘विक्टर ऐसा खिलाड़ी है जो अपनी दिनचर्या में निरंतरता रखता है और आपको उसे हराने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।’