यात्री वाहन कंपनियों के पास इस समय 6.53 लाख से अधिक गाड़ियों के ऑर्डर पड़े हुए हैं। यह आंकड़ा महीने में बिकने वाली कुल गाड़ियों का करीब ढाई गुना है। इस वजह से ग्राहकों को बुकिंग के बाद गाड़ी मिलने का लंबा इंतजार करना पड़ रहा और इसका कारण है सेमीकंडक्टर की कमी से आपूर्ति में दिक्कत आना।
इनमें आधे से ज्यादा ऑर्डर तो मारुति सुजूकी इंडिया के पास हैं, जो यात्री वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी देसी कंपनी होने के नाते लाजिमी है। मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार तक कंपनी के पास 3.22 लाख गाड़ियों की बुकिंग थी। कंपनी को उम्मीद है कि अगर किसी खास मॉडल या वेरिएंट में अड़चन नहीं आई तो ढाई महीने में इन सभी ग्राहकों को गाड़ियां मिल जाएंगी। श्रीवास्तव ने कहा कि बुकिंग निपटाना इस बात पर भी निर्भर करता है कि इस दौरान कितनी नई बुकिंग आ जाती हैं।
दूसरी वाहन कंपनियों की बुकिंग भी तेजी से बढ़ रही हैं। देश की दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन कंपनी हुंडई मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री एवं विपणन) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी के पास 1.30 लाख यूनिट की बुकिंग पड़ी हैं। दिग्गज एसयूवी कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने इस महीने की शुरुआत में खुलासा किया था कि उसके पास 1.46 लाख यूनिट के ऑर्डर हैं।
लक्जरी कार कंपनियों के पास भी उनकी क्षमता से अधिक ऑर्डर पड़े हैं। मर्सिडीज बेंज इंडिया ने पिछले हफ्ते बताया था कि उसके पास 5,000 यूनिट के ऑर्डर हैं।
दिक्कत यह है कि कोविड के बाद निजी परिवहन साधन खरीदने की होड़ के बाद भी कंपनियां मौके का फायदा नहीं उठा पा रही हैं क्योंकि सेमीकंडक्टर की किल्लत उनके आड़े आ रही है। इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में ज्यादातर वक्त डीलरों को पहले के मुकाबले कम वाहन भेजे गए थे। इसमें तेजी पिछले दो महीनों में ही आई है। मई में बिक्री मई. 2021 के मुकाबले 185 फीसदी और जून में 19 फीसदी बढ़ी है। पहले से अधिक सेमीकंडक्टर आने के कारण ज्यादातर कार कंपनियां पूरी क्षमता से उत्पादन की योजना बना रही हैं। वाहन उद्योग के एक अधिकारी और कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता ने कहा कि ज्यादातर कार कंपनियां तगड़ी मांग का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए अपनी कुल क्षमता के 95 फीसदी से भी अधिक उत्पादन कर रही हैं।
दिक्कत यह है कि कंपनियों को कमोबेश सभी मॉडलों में आपूर्ति में लंबे इंतजार या वेटिंग पीरियड से जूझना पड़ रहा है। इसलिए वे मांग का बेहतर अनुमान लगाने और उसके मुताबिक ही मॉडल और वेरिएंट को तरजीह देने पर जोर दे रही हैं।
सेमीकंडक्टर की किल्लत से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली मारुति तेजी से उत्पादन बढ़ा रही है। कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं ने बताया कि कंपनी ने इस महीने 1.88 लाख यात्री वाहनों के उत्पादन की योजना बनाई है, जो 2018-19 के बाद सबसे अधिक है।