वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने कहा कि उसके वैकल्पिक ईंधन वाहन पोर्टफोलियो को सीएनजी से काफी रफ्तार मिलेगी। उद्योग में वाणिज्यिक वाहनों की कुल मात्रात्मक बिक्री में सीएनजी से चलने वाले ट्रकों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों के अनुसार, वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री में सीएनजी से चलने वाले ट्रकों की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी हो चुकी है। जबकि शेष हिस्सेदारी डीजल से चलने वाले ट्रकों का है।
अशोक लीलैंड के प्रमुख (मझोले एवं भारी वाणिज्यिक वाहन) संजीव कुमार ने कहा, ‘पिछले दो वर्षों के दौरान डीजल और सीएनजी के बीच आंकड़े बढ़ गए हैं जो दर्शाता है कि वाणिज्यिक वाहन उद्योग तेजी से सीएनजी की ओर रुख कर रहा है। छोटे मार्गों के लिए सीएनजी वाहन लोकप्रिय हो रहे हैं। सीएनजी बिक्री केंद्र जैसे बुनियादी ढांचे भी तैयार हो रहे हैं।’
कंपनी ने अपनी ग्रीन मोबिलिटी पहल के तहत कम कार्बन उत्सर्जन वाली वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी क्रम में उसने ई-कॉमेट स्टार आईसीवी सीएनजी ट्रक रेंज के साथ सीएनजी सीवी माल ढुलाई श्रेणी में दस्तक दी है। इन ट्रकों को दोा भार श्रेणियों- 16.1 टन और 14.25 टन- में तीन सीएनजी सिलेंडर विकल्प के साथ उतारा गया है।
कुमार ने कहा, ‘हालांकि बसों के लिए इलेक्ट्रिक काफी महत्त्वपूर्ण होगा लेकिन अधिक भार वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक में तब्दील करने में थोड़ा वक्त लगेगा। मैं समझता हूं कि सीएनजी में प्रगति के बाद इलेक्ट्रिक से पहले एलएनजी के विकल्प पर गौर किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इस बदलाव का प्रमुख कारण विभिन्न शहरों में सीएनजी वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास है। उन्होंने कहा, ‘विभिन्न शहरों में सरकार ने गैस वितरण कंपनियों के लिए कई निविदाएं आमंत्रित की हैं। सीएनजी बुनियादी ढांचे का दायरा अब कई राज्यों तक फैल चुका है। इलेक्ट्रिक में बदलाव की रफ्तार उसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर निर्भर करेगी।’
निजी कंपनियां और राज्य सरकार की इकाइयों से सीएनजी वाहनों के लिए मांग बढ़ रही है क्योंकि वे वैकल्पिक ईंधन में बदलाव करना चाहते हैं। हाल में कंपनी ने देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी को नई दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन के लिए 10 बीएस6 सीएनजी बसों की आपूर्ति की है। अशोक लीलैंड इलेक्ट्रिक, एलएनजी और मेथनॉल जैसे कई वैकल्पिक ईंधन पर एक साथ काम कर रही है।