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अगले साल महंगे होंगे इलेक्ट्रिक वाहन!

Last Updated- December 11, 2022 | 10:36 PM IST

भारत में जहां एक पारंपरिक वाहन विनिर्माता सेमीकंडक्टरों की वैश्विककमी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को भी अब प्रमुख कच्चे माल लिथियम-आयन बैटरी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सेल की प्रमुख अवयव लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसी धातुओं की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ आपूर्ति शृंखला की रुकावटों से भी बैटरियों की लागत बढ़ रही है।
बैटरी विनिर्माताओं का कहना है कि वर्ष 2021 की शुरुआत से हर तिमाही दामों में बढ़ोतरी होती रही है। जनवरी 2020 की तुलना में सेल की कीमतों में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी नजर आई है। बैटरियों की लागत में 70 फीसदी योगदान सेल का होता है। इसलिए इसकी लागत में 30 फीसदी इजाफ से बैटरी के दामों में 40 फीसदी से 50 फीसदी तक का इजाफा होता है।
इस बीच भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग काफी बढ़ रही है। इस साल नवंबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की 42,067 इकाइयों का पंजीकरण कराया गया था। ऐसा पहली बार हुआ है कि इलेक्ट्रि वाहनों की बिक्री 40,000 का आंकड़ा पार कर गई है।
भारत सेल का उत्पादन नहीं करता है, जो बैटरी का मुख्य तत्व होता है। लथियम के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता कांगो में खदानें महामारी के बाद परिचालन में नहीं हैं तथा दुनिया भर में शिपिंग में व्यवधान की वजह से आपूर्ति शृंखला की रुकावटों ने इस दिक्कत को बदतर कर दिया है।
ब्लूमबर्ग एनईएफ के वर्ष 2021 के बैटरी मूल्य सर्वेक्षण के अनुसार कच्चे माल की अधिक लागत से वर्ष 2022 के दौरान लिथियम-आयन बैटरी की औसत कीमत प्रति किलोवाट-घंटा 135 डॉलर तक बढ़ सकती है, जो इस वर्ष के स्तर से 2.3 प्रतिशत अधिक है।
दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए बैटरी का निर्माण करने वाली ट्रोनटेक इलेक्ट्रॉनिक्स के मुख्य कार्याधिकारी समरथ कोचर ने कहा कि ‘भारत में हम चीन से तैयार सेल खरीदते हैं और चीन खुद ही कच्चे माल की कमी से जूझ रहा है। इसी वजह से हमारी खरीद में कमी है। नवंबर में हमने करीब 10 फीसदी तक दाम बढ़ोतरी की है।’
कोचर, जहो अपने ग्राहकों में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियों के नाम गिनाते हैं, ने कहा कि मार्च 2022 में कीमतों में और बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा हालात वर्ष 2023-24 से पहले नहीं सुधार वाले। आपूर्ति की कमी बनी रहेगी, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि ईवी विनिर्माताओं ने कीमत वृद्धि का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला है, लेकिन सेल विनिर्माताओं द्वारा कीमत बढ़ोतरी के नए दौर से निश्चित रूप से ईवी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
पिछले महीने रिवॉल्ट मोटर्स ने अपनी प्रमुख आरवी 400 इलेक्ट्रिक बाइक की कीमत में 18,000 रुपये तक का खासा इजाफा किया था। हीरो साइकिल्स के इलेक्ट्रिक साइकिल ब्रांड हीरो लेक्ट्रो भी अपने उत्पादों की कीमतों में 5,000 रुपये तक की बढ़ोतरी कर चुका है।
हीरो लेक्ट्रो के मुख्य कार्याधिकारी आदित्य मुंजाल ने कहा कि हमारी उत्पाद लाइन का मूल्य संशोधन बाहरी बाजार के कारकों जैसे माल ढुलाई और कच्चे माल की लागत में वृद्धि, की वजह से करना पड़ा है। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि हमारी गुणवत्ता ग्राहकों की अपेक्षाओं और वैश्विक मानकों को पूरा करती रहे।
एक दोपहिया ईवी विनिर्माता के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश ईवी विनिर्माता, खास तौर पर दोपहिया वाहन निर्माता, वर्तमान में अपने कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर रहते हैं। इसलिए उनके पास कीमत बढ़ोतरी वहन करने की क्षमता सीमित है।

अगले साल पोर्टफोलियो विस्तार पर रहेगा टाटा, महिंद्रा का जोर
घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स हाल में अपने नए वाहनों को मिली कामयाबी से उत्साहित होकर वर्ष 2022 में अपना पोर्टफोलियो और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही हैं। दोनों ही कंपनियां सेमीकंडक्टर की किल्लत से इस तरह निपटना चाहती हैं कि उनके वाहन उत्पादन पर इसका असर कम-से-कम पड़े। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक (ऑटो एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा कि वह स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) वर्ग में पहले नंबर की कंपनी बनना चाहते हैं और नए वाहनों को मिली कामयाबी इसका संकेत भी दे रही है। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन कारोबार) शैलेश चंद्रा कहते हैं कि हम हालात पर करीबी निगाह रखे हुए हैं और अल्पकाल में इससे निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स आपूर्ति बाधाओं से निपटने के लिए बहुआयामी कदम उठा रही है।      भाषा

First Published - December 27, 2021 | 12:13 AM IST

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